महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : कोरोना संक्रणम के फेर में फंसी कालेजों की मान्यता, दस महाविद्यालयों ने किया था आवेदन
वाराणसी । कोरोना महामारी में महाविद्यालयों की भी मान्यता फंस गई है। वाराणसी, चंदौली व सोनभद्र के दस कालेजों ने महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से संबद्धता व मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन ही किया है। इसके अलावा 11 कालेजों ने नए विषयों की मान्यता के लिए आवेदन किया है। वहीं निरीक्षण मंडल कई कालेजों का अब तक भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट तक विद्यापीठ को नहीं सौंप सकी है। ऐसे में इन कालेजों को अब तक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) अब नहीं जारी हो सका है। जबकि एनओसी जारी करने की अंतिम तिथि दस मई को ही बीत गई। इसी प्रकार भूमि संबंधी प्रपत्रों का सत्यापन करने की अंतिम तिथि पांच फरवरी से बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दिया गया था। शासन ने शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए नए कालेजों व पाठ्यक्रमों की मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2020 निर्धारित की थी। कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए शासन ने नए पाठ्यक्रमों के एनओसी के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल तक बढ़ा दी थी। निरीक्षण मंडल का गठन 20 मई तक करना था। विश्वविद्यालयों को 15 जून तक नए कालेजों व पाठ्यक्रमों को मान्यता जारी करना है। वहीं कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ जाने के कारण कई कालेजों की रिपोर्ट एसडीएम अब तक विद्यापीठ को नहीं दे सके हैं। वहीं विश्वविद्यालय बंद होने के कारण एनओसी जारी करने के लिए बैठक भी नहीं हो सकी। लाखाें रुपये खर्च का भूमि-भवन सहित अन्य मानक पूरा करने वाले कालेजों की निगाहें पर शासन पर टिकी है। काेविड काल को देखते हुए कालेजों को ही नहीं विश्वविद्यालयों को भी शाासन से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है। वर्तमान में काशी विद्यापीठ से संबद्ध वाराणसी, चंदौली, भदोही, मीरजापुर व सोनभद्र 331 कालेज संबद्ध है। कुलसचिव डा. एसएल मौर्य ने बताया कि पूरे सूबे की यही स्थिति है। काशी विद्यापीठ तो एक बार मान्यता समिति की बैठक बुला चुका है। पिछली बार की बैठक में पांच नए कालेज व 45 पुराने कालेजों को नए पाठ्यक्रम संचालित करने की एनओसी जारी की जा चुकी है।
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