चकिया /चंदौली । चंद्रप्रभा साहित्यिक मंच द्वारा रविवार को मासिक कवि गोष्ठी का आयोजन संस्था के अध्यक्ष बेचई सिंह मालिक के अध्यक्षता में सम्पन्न किया गया । जिसका संचालन हरिवंश सिंह बवाल द्वारा किया गया ।
वही कार्यक्रम की शुरूआत राजेंद्र प्रसाद भ्रमर ने वाणी वंदना कर किया। वही अलियार प्रधान जी ,बादल झिमीर झिमीर बुद बरसा, पागल भईली जीवनीय ना। वही बेचई सिंह मालिक बुझाला बादल वर्गवाद कर बेरहमी से बरसे पानी,हरिवंश सिंह बवाल, बात केवल नहीं अब अमल चाहिए,राजेंद्र प्रसाद भ्रमर
राजेंद्र प्रसाद गुप्त बावरा ई,आंचल बलदानि हव,अजय कुमार सिंह विमल चुनार देख नदी में बहती लाशें किसको मैं धिक्कार लिखूं, बंधु पाल बंधु, जुबा बंद हो तो नजर बोलती है
रामआलम सिंह जीवन बेटी जान धन पराया नहीं पढवलू माई जी।
राजेश विश्वकर्मा राजू, सुन सावन शिव दरबार बा।सबही लचार बा ना,मिथिलेश सिंह देसी व विदेशी खुलल रहे मधुशाला ,राम प्रवेश सिंह झाउ, तेजबली अनपढ़ उमड़ घुमड़ के बहेला सवनवा सखी, संतोष कुमार धूर्त मैंने क्या से क्या को क्या होते देखा है,नन्दलाल मद्धेशिया जी सहित कई कवियों ने सावन के महिने का कविता के माध्यम से जमकर बखान किया ।वही श्रोतागण वाह वाह की आवाज कवियों को सम्मान करते रहे ।
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