चंदौली(मीडिया टाइम्स)। कांशीराम आवास आवंटन घोटाले के मामले में बुधवार अपर जिला जज प्रथम विनय कुमार सिंह की अदालत ने अधिशासी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद और लेखपाल सर्फुद्दीन की जमानत खारिज कर दी है। इसके पूर्व बीते दिनों आरोपित भीटी तहसील में तैनात उपजिलाधिकारी सुनील कुमार बरनवाल सहित अन्य आरोपियों की जमानत खारिज हो चुकी है जिला मुख्यालय पर स्थापित कांशीराम आवास आवंटन घोटाला की शिकायत पर 2011 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने 40 आवासों के आवंटन को गलत पाते हुए उसे निरस्त करने का आदेश दिया था।
लेकिन आदेश के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सदर तहसील के नायब तहसीलदार सुनील बरनवाल, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद व हल्का लेखपालों की मिलीभगत से अवैध तरीके से फर्जी व कूट रचित कागजात तैयार करके आवास के आवंटन फर्जी तरीके से कर दिए गए। आवासों का आवंटन किए गए लाभार्थियों के आय, निवास व अन्य प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाए गए थे। इससे कांशीराम आवास योजना के आवंटन घोटाले के मामला कोर्ट में चला गया। बुधवार को मामले में सदर नगर पंचायत में ईओ रहे और वर्तमान में रसड़ा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी व सदर तहसील में लेखपाल रहे सर्फुद्दीन की जमानत के लिए उनके अधिवक्ता ने अपर जिला जज प्रथम की कोर्ट से अर्जी दाखिल किया। लेकिन कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी। इसके पहले इससे अब आरोपियों को जमानत के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटना पड़ेगा।
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