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Thursday, August 29, 2024

स्कूल वाहन नहर में पलटी आर. एन. इंटर कॉलेज बैरी के बच्चे बाल-बाल बचे, विद्यालय के प्रधानाचार्य ने मौके पर पहुंचकर मामले को किया रफा दफा

 स्कूल वाहन नहर में पलटी आर. एन. इंटर कॉलेज बैरी के बच्चे बाल-बाल बचे, विद्यालय के प्रधानाचार्य ने मौके पर पहुंचकर मामले को किया रफा-दफा








चकिया,चन्दौली। शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे आर. एन. इंटर कॉलेज, बैरी की स्कूल वैन एक हादसे का शिकार हो गई। यह घटना भटवारा कला, पोस्ट - पिपरिया, चकिया, चंदौली के पास हुई जब स्कूल वैन बच्चों को लेने के लिए जा रही थी। वैन में कुछ बच्चे पहले से ही मौजूद थे। अचानक वैन अनियंत्रित होकर नहर में पलट गई।














हादसे के दौरान, वैन में सवार बच्चों को भी चोटें आईं हैं। मौके पर मौजूद स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। 





प्राप्त जानकारी के अनुसार स्कूल वैन आर एन इंटर कॉलेज बैरी का बताया जा रहा है जहां पर बच्चों से भरी वैन अनियंत्रित होकर भटवारा कला के समीप नहर में पलट गई जिसके पलटने की सूचना आसपास के ग्रामीणों में पहुंचते ही हड़कंप मच गया।

 वही ग्रामीणों ने इसकी सूचना आर्यन इंटर कॉलेज बैरी के प्रधानाचार्य चंद्र प्रकाश सिंह को बताया वहीं प्रधानाचार्य ने कई बार घटनाओं का अंदाजा लगाते हुए आनन फानन में मौके पर पहुंचकर ट्रैक्टर से काफी मशक्कत के बाद वैन को नहर से बाहर निकलवाया और मामले को त्वरित रूप से समाप्त ग्रामीणों की मदद से करवाया।





आखिर कब तक होती रहेगी मासूम बच्चों के साथ ऐसी घटनाएं


वायरल वीडियो में आप साफ़-साफ़ सुन सकते हैं कि ड्राइवर की लापरवाही के वजह से स्कूली वैन अनियंत्रित होकर नहर में पलट गई मुद्दे की बात किया है कि अधिकांश विद्यालयों के प्रबंधक चंद रूपयो के लालच में आकर ड्राइवर को बिना लाइसेंस और अनुभव के ही बच्चों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने के लिए चालक के रूप में रख देते हैं जिसका अंदाजा मासूम बच्चों और परिजनों को भुगतना पड़ता है।





 स्कूली वाहन पलतने की सूचना पिछले कई बार सुर्खियों में आ चुका है वहीं अब देखना यह है कि मामले का जानकारी उच्चाधिकारियों तक होने पर इस विभाग में कितना सख्ती रखी जाती हैं।






विभाग द्वारा कार्यवाही और प्रकरण


चूंकि इन सभी प्रकरणों में केवल विद्यालय ही दोषी नहीं होता है बल्कि विभाग भी दोषी होता है क्योंकि विद्यालय का भ्रमण और जांच उच्च अधिकारियों द्वारा केवल कोरमपूर्ति करके ही छोड़ दिया जाता है अगर जांच सख्ती और मानक के अनुसार होता तो शायद इतना बड़ा अंजाम मासूम बच्चों और परिजनों को न भुगतना पड़ता।


घटना का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।


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