शहीद की पत्नी 16 साल से लड़ रही है न्याय की लड़ाई, सीएम योगी से लगाई गुहार,कब मिलेगा शहीद की पत्नी को न्याय
अंबेडकरनगर।उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है।यहां अधिकारियों की मनमानी से एक शहीद की पत्नी को दर-दर भटकना पड़ रहा है।आंखों में आंसू और हाथ में कागज का टुकड़ा लिए भटक रही शहीद की पत्नी का दर्द हर किसी को झकझोर देगा।
शहीद की पत्नी 16 सालों से अपने अधिकारों की मांग कर रही है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शहीद की पत्नी को मंच से सम्मानित तो कर दिया,लेकिन अधिकारों को अभी तक नहीं दिला सकें हैं।
मामला जिले के टांडा तहसील के चंदौली गांव का है।चंदौली गांव के रक्षा राम पाठक सीआरपीएफ में थे।साल 2005 में रक्षा राम श्रीनगर में शहीद हो गए थे।पूरे सम्मान के साथ शहीद रक्षा राम का शव चंदौली गांव लाया गया।शहीद की याद में गांव में एक स्मारक भी बनाया गया।प्रशासन ने शहीद रक्षा राम की पत्नी सुंदरी देवी को जमीन देने की घोषणा की थी।साल 2008 में सुंदरी देवी को प्रशासन ने 27 बिस्वा जमीन पट्टे पर दे दी।पट्टे की जमीन सीता सुंदरी के नाम खतौनी में दर्ज भी हो गई।
सुंदरी देवी का कहना है कि जब जमीन का पट्टा मिला था तब उसकी निशान देही हुई थी,लेकिन कुछ ही समय बाद जमीन को वन विभाग ने कब्जा कर लिया और उस पर पेड़ लगा दिए।सुंदरी देवी ने बताया कि पट्टे में मिली जमीन पर कब्जे के लिए वह 2008 से भटक रही है।सीएम योगी से तीन बार फरियाद कर चुकी हूं,डीएम और एसडीएम के यहां कई बार जा चुकी हूं,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
अफसर शाही की मनमानी ने शहीद रक्षा राम पाठक की पत्नी सुंदरी देवी को दर-दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर कर दिया है।सीएम योगी ने सुंदरी देवी को मंच से सम्मानित किया था,लेकिन सुंदरी देवी अधिकारियों की चौखट पर अपना अधिकार मांगने के लिए मजबूर है।सीएम से लेकर डीएम और एसडीएम से गुहार लगा चुकी सुंदरी देवी को अभी तक हर जगह से निराशा ही मिली है।देश की रक्षा करते हुए शहीद हुए जवान रक्षा राम पाठक की पत्नी सुंदरी देवी 16 वर्षों से अपने अधिकार के लिए भटक रही है।
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