पुत्र की सुखमय जीवन और लंबी आयु के लिए माताओं ने रखा निर्जल व्रत
रिपोर्ट-लोकपति सिंह
इलिया। क्षेत्र के सैदूपुर ,सरैया,बरहुंआ, गांधीनगर पालपुर, सुल्तानपुर,खरौझा, बेन तीयरी ,उसरी, मनकपड़ा, वनरसीया आदि क्षेत्रों के महिलाएं बुधवार की शाम बड़े ही धूमधाम से देवी जीवित्पुत्रिका का पूजन पाठन किया।
गौरतलब हो कि अपने पुत्र की सुखमय जीवन और लंबी आयु के लिए माताएं 24 घंटे बिना अन्न जल ग्रहण किए व्रत का पालन करती है मताएं एक दिन पहले ही शाम को भोजन करने के बाद अगले दिन शाम को पूजा पाठ करने के बाद उसके अगले दिन सुबह प्रसाद ग्रहण कर नाश्ता या भोजन करती हैं।
जो बहुत लंबे समय तक निर्जल व्रत रहती हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में( जिउतिया) और देवी जीवित्पुत्रिका के नाम से जानी जाती हैं बड़े विश्वास के साथ माताएं देवी का पूजा अर्चना करती है पूजा अर्चना करने के पश्चात ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचलन के अनुसार कम से कम पांच से सात या नौ कहानियां कहने के पश्चात व्रती महिलाएं पूजा स्थल को छोड़ती है।
जो ज्यादातर कहानियां देवी जीवित्पुत्रिका से ही संबंधित होती है और कुछ कहानियां जीवन और समाज में उत्थान ला सके ऐसी भी होती है जबकि देवी जीवित्पुत्रिका का कोई भी मंदिर ना होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादातर किसी तालाब , नहर का किनारा,मंदिर के प्रांगण मे और किसी गांव में मंदिर दूर होने के कारण गांव के बीचोबीच खाली मैदान में ही पूजन पाठन किया जाता है ।
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