चकिया ( मीडिया टाइम्स )। दिनांक 25 सितम्बर 2024 को मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान के द्वारा डी सी फैमिली रेस्टुरेंट चकिया के
सभागार में धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक लीडर के साथ बैठक समन्वय बैठक किया गया।
संस्था के गणेश प्रसाद विश्वकर्मा ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि आज कि बैठक सभी धर्म और मजहबों के स्थान पर बाल विवाह, बाल श्रम को रोकने लिए और बच्चो के संरक्षण के लिए बैठक किया जा रहा है। जिसमे आप के धर्म ग्रंथ के अनुसार बच्चों एवं महिलाओं की सुरक्षा के लिए क्या कहा गया उसपर विचार विमर्श करके दूर करना है। कार्यक्रम कि अध्यक्षता डॉ परशुराम सिंह करते हुए बताया कि यदि हम धार्मिक और अध्यात्मक रूप से देखे तो सभी धर्मो में बच्चे को एक अहम और महत्वपुर्ण दर्जा दिया गया।जिसमें हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम अपने धार्मिक ग्रन्थो के अनुसार बच्चों के एक बेहतर हित और बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिये आज हम सभी ”विश्व समाजिक न्याय दिवस” के अवसर पर एक अपील हमारे सभी जन्ता को दे-
1. हम सब मिलकर ये सुनिश्चित करेंगे कि 18 वर्ष से कम उम्र के किसी लड़की वा 21 वर्ष से कम उम्र के किसी लड़के की शादी न हो। ऐसे किसी भी शादी को हमलोग बढ़ावा नही देंगे यदि कही बाल विवाह होता है तो हम उसका विरोध करेगे।
2. हम सब मिलकर ये सुनिश्चित करेंगे कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम नही करायेंगे। हम अपने स्तर पर बाल विवाह व बाल श्रम रोकथाम के लिये समाज में जागरूकता करेंगे। इसके बाद चकिया सादर के मुश्ताक अहमद के द्वारा यह कहा गया की अपने देश को विकसित बनाना है तो अपने बच्चो एवं महिलाओं को सुरक्षित करना होगा। इस्लाम धर्म में भी सभी को सुरक्षित रखने एवं सेवा भाव का निर्देश दिया गया है। और हम सभी जगह के मदरसों एवं मस्जिद के इमाम व मौलवी गुरु को बाल सुरक्षा से संबंधित पोस्टर बैनर लगाने के लिए अपील करता हूं।
शहनाज बानो के द्वारा बताया गया कि हम सभी के विकास में महिला एवं बच्चों का हम योगदान होता है और उनके अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए हम सभी धर्म गुरुओं को अपने स्तर से भी प्रयास करना पड़ेगा। गायत्री परिवार के राजा राम सिंह के माध्यम से निकलकर आया कि हम सभी धर्म के लोगो को अपने बच्चों में ऐसा संस्कार देना है कि बच्चे स्कूल में हो और गलत रास्ते को न चुने। बौद्ध बिच्छू के रूप में भंते बुद्ध रतन ने कहा कि सबसे पहले अपने परिवार से बुद्ध के द्वारा बताएं गए रास्तों को अपनाने से हिंसा मुक्त समाज हो सकता है जिससे बाल श्रम, बाल विवाह , सामाजिक कुरीतियां दूर हो सकती है।
ईसाई धर्म के प्रतिनिधि के रूप में सियाराम जी, जय गुरुदेव से गुरु रविदास अनुयाई दुधनाथ, सत्यनाम से बनवारी लाल मानव ,पूर्व अध्यापक मो आलम, मुजफ्फरपुर के इमाम नसीम, मुबारकपुर की ग्रामप्रधान, रूकशाना बेगम, समाज सेविका गीता राय, पुरोहित विजया नंद दिवेदी, नारायण, गुलाब, जितेंद्र, अशोक, अशिलेश, देवेंद्र, इत्यादि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मनोज कुमार मिश्रा व मुकेश कुमार के द्वारा किया गया धन्यवाद ज्ञापन गणेश प्रसाद विश्वकर्मा ने किया।
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