जब अचानक भरत मिलाप में होने लगी भगदड़ तो पुलिस ने कर दिया लोगों पर लाठीचार्ज जाने क्या था पूरा मामला
वाराणसी विश्व प्रसिद्ध भरत मिलाप के बीच भगदड़, लाखों की भीड़ के बीच हंगामा और लाठीचार्ज
वाराणसी। विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली में भरत मिलाप मेले के दौरान रविवार को अचानक भगदड़ मच गई। श्रीराम के पुष्पक विमान के साथ पहुंचे यादव बंधुओं और पुलिस के बीच विवाद के चलते स्थिति और बिगड़ गई। पुलिस द्वारा रोकने पर बहस छिड़ गई, जो धीरे-धीरे खींचतान में बदल गई।
पुलिस और यादव बंधुओं के बीच विवाद ने बिगाड़ा माहौल
घटना तब शुरू हुई जब यादव बंधु श्रीराम के पुष्पक विमान के साथ मेले में पहुंचे। भीड़ नियंत्रण के प्रयास में पुलिस और यादव बंधुओं के बीच कहासुनी हो गई, जो धीरे-धीरे खींचतान और धक्का-मुक्की में बदल गई। इस विवाद के बीच मैदान में पहले से मौजूद भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे भगदड़ मच गई।
भगदड़ के कारण मची अफरा-तफरी
लाखों की भीड़ के दबाव से मैदान में बैरिकेडिंग टूट गई, और लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। भगदड़ के दौरान कई लोग फंस गए, जिससे चोटें भी आईं। भीड़ में घबराहट के कारण लोग जूते-चप्पल फेंकने लगे, जिससे हालात और बिगड़ गए।
पुलिस ने स्थिति काबू में लाने के लिए किया लाठीचार्ज भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इसी बीच एक भाजपा मंत्री के बेटे के साथ भी पुलिस की झड़प हो गई, जिससे तनाव और बढ़ गया।
लाठीचार्ज के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो पाई, लेकिन भगदड़ की वजह से कुछ देर तक पूरे मेला स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा।
भरत मिलाप के इस आयोजन में करीब 5 लाख लोग शामिल हुए, जिससे मैदान में पांव रखने तक की जगह नहीं बची थी। भीड़ को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हुआ, और बैरिकेडिंग टूटने के बाद हालात और अधिक बिगड़ गए।
हालात संभालने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है कि विवाद कैसे शुरू हुआ और भगदड़ के लिए जिम्मेदार कौन था। प्रशासन का कहना है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जाएगा, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
नाटी इमली के भरत मिलाप में हुई भगदड़ ने सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण की अहमियत पर सवाल खड़े किए हैं। लाखों लोगों के बीच पनपे छोटे से विवाद ने बड़े पैमाने पर हंगामा खड़ा कर दिया। यह घटना प्रशासन के लिए एक सबक है कि भविष्य में भीड़ नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
ऐसे बड़े आयोजनों में पुलिस और प्रशासन को भीड़ नियंत्रण के लिए अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। साथ ही, आयोजकों और प्रतिभागियों को भी संयम बनाए रखना चाहिए, ताकि किसी भी विवाद या अनहोनी से बचा जा सके।
आखिर आम जनता अपनी जिम्मेदारियों को कब समझेंगी... क्या सारी जिम्मेदारी सिर्फ पुलिस की ही हैं, क्या हर बार सिर्फ पुलिस और प्रशासन की कमी को गिनाकर जनता कब तक अपना पल्ला झाड़ती रहेगी। जनता को भी चाहिए कि वो पुलिस और प्रशासन का पूरा सहयोग करें आखिर पुलिस-प्रशासन जनता के मदद के लिए ही तो तत्पर है।
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