थापड़िया थेरेपी: चंदौली में जब प्रिंसिपल ने अस्पताल को बनाया अखाड़ा - Media Times

Breaking News

 नमस्कार   मीडिया टाइम्स में आपका स्वागत है Media Times

ad

 


Saturday, November 16, 2024

थापड़िया थेरेपी: चंदौली में जब प्रिंसिपल ने अस्पताल को बनाया अखाड़ा

थापड़िया थेरेपी: चंदौली में जब प्रिंसिपल ने अस्पताल को बनाया अखाड़ा










चंदौली। जिला अस्पताल के प्रिंसिपल अमित सिंह ने शनिवार को पत्रकारिता में एक नया अध्याय जोड़ दिया। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के 'सजग प्रहरियों' को प्रिंसिपल ने न केवल अपने 'हाथों का जादू' दिखाया, बल्कि उनके कैमरों की जगह हेलमेट लाने की जरूरत पर भी जोर दिया।  














घटना का थप्पड़नामा

मामला शुरू हुआ जब कुछ पत्रकार और यूट्यूबर्स अस्पताल की खामियों का जायजा लेने पहुंचे। हालांकि, उनकी मंशा अस्पताल की स्थिति रिपोर्ट करने की कम और अपनी 'स्थिति' मजबूत करने की ज्यादा थी। लेकिन प्रिंसिपल अमित सिंह ने उनकी यह मंशा थप्पड़ों के 'हास्पिटल मैनेजमेंट' से कुचल दी।  








प्रिंसिपल साहब ने गुस्से में अपने 'थापड़िया थेरेपी' का प्रदर्शन करते हुए  उन्हें जमीन पर 'आराम' फरमाने का निर्देश दिया और उन्हें नई हेडलाइन देने के लिए अपने हाथों का बेहतरीन इस्तेमाल किया।  






इस 'लाइव थप्पड़ शो' को देखकर वहां मौजूद अन्य के मन में यह जरूर आया होगा ,"हम कैमरे तो लेकर आए थे, लेकिन लगता है अगली बार गदा और ढाल लेकर आना पड़ेगा।"  


 




इस घटना के बाद कुछ पत्रकारों ने इसे गुंडागर्दी करार दिया। लेकिन वहीं कुछ चुपचाप सोच रहे थे कि आखिरकार मुफ्त में 'थेरेपी' मिलना भी तो आजकल दुर्लभ है।  





 

मामले को तूल पकड़ते देख शायद प्रिंसिपल सोच रहे होंगे कि "मैंने तो बस समझाने की कोशिश की थी। थप्पड़ों का असर ज्यादा हो गया होगा।"







डिस्क्लेमर: यह खबर हास्यास्पद शैली में लिखी गई है। असल घटना पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। थप्पड़ों की गिनती और जमीन पर बैठने की सलाह का उद्देश्य केवल मनोरंजन है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad