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Thursday, November 7, 2024

लोकआस्था के महापर्व छठ में अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य

लोकआस्था के महापर्व छठ में अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य









छठ घटों पर हजारों व्रतियों सहित आस्थावानों की रही भारी भीड़








शहाबगंज/सैदूपुर





(मीडिया टाइम्स)। कुल कई गांवों और शहरों में लोकआस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन आज गुरुवार की सायं अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य दिया गया। छठ घाटों पर तैयारियां पहले ही मुकम्मल हो चुकी थीं। आज सुबह से ही व्रतियों के साथ-साथ उनके परिजनों व श्रद्धालुओं द्वारा मौसमी फल सहित पूजन सामग्री की खरीददारी के वजह से बाजार लगभग 2 बजे तक गुलजार रहा। अत्यधिक भीड़ की वजह से पूरा नगर सुबह से ही सड़क जाम की चपेट में था।




 चकिया कोतवाल अतुल प्रजापति के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन सक्रिय रहा जिससे कि राहगीरों  व व्रती महिलाओं को परेशानी का सामना न करना पड़े।



 वहीं सैदुपुर पुलिस चौकी में तैनात चौकी प्रभारी परमानंद त्रिपाठी भी अपने दल बल के साथ यातायात व्यवस्था चुस्त दुरूस्त करते दिखे हालांकि दोपहर तक खरीददारी समाप्त हो जाने के बाद अपराह्न  2 बजे के बाद व्रतियों के घाट पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था।




 जिस कारण भी सड़क पर जाम की स्थिति बनी रही 5 बजे जैसे ही सूर्यदेव अस्ताचल की तरफ जाने लगे सूर्यदेव के जयघोष के साथ ही घंटों पानी मे खड़े व्रतियों ने अर्घ्य देकर आज का व्रत पूर्ण किया। तत्पश्चात लोग घाटों से घर के लिए धीरे धीरे निकल गए। 










विदित हो कि वर्ष में दो बार चैत्र व कार्तिक माह में मनाये जाने वाले छठ व्रत में कार्तिक मास के व्रत की शुरुआत नहाय खाए के साथ मंगलवार को हुई थी। घरों में महिलाओं सहित व्रतियों ने स्नान ध्यान कर शुद्धता पूर्वक लौकी की सब्जी, चने की दाल और चावल बनाया और इसका सेवन कर व्रत कर संकल्प लिया था। 






बुधवार को खरना के दिन निर्जला रहकर व्रतियों ने सायं काल छठ घाट पर स्नान कर घाट पूजन के बाद दूध, चावल और गुड़ की बखीर बनाकर शुद्ध मन से भगवान भास्कर सूर्यदेव को नमन करते हुये इस व्रत के सफलता से सम्पन्न होने का आशीर्वाद लेकर प्रसाद ग्रहण किया। 






तदोपरांत 36 घंटे का निर्जला व्रत रहकर तीसरे दिन  दोपहर बाद दउरी, सूप आदि में मौसमी फल, हाथों से तैयार ठेकुआ पकवान,गन्ना, रोली,सिंदूर,धूप, दीप सहित अन्य पूजन सामग्री व कलश लेकर स्थानीय मानसरोवर, अन्य घाटों पर व्रती महिला व पुरुष द्वारा घाटों पर पहुंचकर घंटो जल में खड़े रहकर स्नानोपरांत अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। तत्पश्चात शुक्रवार प्रातः उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर हवन पूजन के उपरांत व्रत का समापन होगा।






प्रशान्त कुमार का रिपोट

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