मीडिया टाइम्स शहाबगंज, चंदौली। शहाबगंज में इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक अनजान महिला को सुरक्षित उसके घर पहुंचाने का प्रयास किया गया। - Media Times

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Thursday, November 7, 2024

मीडिया टाइम्स शहाबगंज, चंदौली। शहाबगंज में इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक अनजान महिला को सुरक्षित उसके घर पहुंचाने का प्रयास किया गया।

पत्रकारों द्वारा इंसानियत का निभाया गया धर्म अनजान महिला को सही सलामत घर पहुंचाने का किया गया प्रयास 










(मीडिया टाइम्स) शहाबगंज, चंदौली। शहाबगंज में इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए एक दिल छू लेने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक अनजान महिला को सुरक्षित उसके घर पहुंचाने का प्रयास किया गया।





 बृहस्पतिवार की शाम एक महिला, जो अपनी एक वर्षीय बच्ची के साथ अदलाहट शेरवा के नौडीहा गांव जाना चाहती थी, रास्ता भटककर शहाबगंज के नौडीहा गांव पहुंच गई। महिला अनपढ़ थी और इलाके से पूरी तरह अपरिचित थी, जिससे वह घबराई और सहायता की तलाश में थी।इसी बीच 





शहाबगंज के स्थानीय गाड़ी चालक श्री कृष्णा गुप्ता ने महिला को रोते हुए देखा और उसकी मदद के लिए आगे आए। कृष्णा गुप्ता ने निस्वार्थ भाव से महिला और उसकी बच्ची को अपनी गाड़ी में बिठाया और उन्हें शहाबगंज ब्लॉक तक पहुंचाया। वहां के स्थानीय पत्रकार मोहम्मद तसलीम को इस स्थिति की जानकारी दी। 






पत्रकार ने स्थिति का आकलन करने के बाद महिला को सुरक्षित घर पहुंचाने का जिम्मा लिया।महिला की सहायता के लिए समाज के अन्य लोग भी सामने आए। पास खड़ी एक स्थानीय महिला ने महिला और उसकी बच्ची को अपने घर पर रातभर ठहरने का प्रस्ताव दिया, ताकि वे सुरक्षित और सहज महसूस कर सकें। 






इस सहयोग और दरियादिली ने हमारे समाज की अच्छाई और इंसानियत की भावना को प्रदर्शित किया। महिला की कठिनाई को समझते हुए, पत्रकार ने उसे सुरक्षित उसके गंतव्य तक पहुंचाने का निर्णय लिया। चूंकि महिला अपनी बच्ची के साथ थी, बाइक के बजाय एक ऑटो रिजर्व किया गया।






 पत्रकार ने महिला को उसके घर, अदलाहट शेरवा के नौडीहा गांव में सुरक्षित पहुंचाया। यह घटना समाज में अच्छाई और मदद की भावना को जागृत करती है और सच्चे भारतीय होने की पहचान को दर्शाती है। ऐसे क्षणों को साझा करने का उद्देश्य न केवल इन्हें उजागर करना है, बल्कि समाज में अच्छाई और मदद की भावना को भी प्रेरित करना है।





प्रशान्त कुमार का रिपोट 

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