आदित्य सिंह (संवाददाता)
शहाबगंज। कस्बा क्षेत्र के रसिया ग्राम आदिवासी बस्ती में भाकपा माले जिला सचिव के निर्देश पर भाकपा माले के समर्पित कार्यकर्ता आदिवासी समाज के लोगों ने लाक डाउन का पालन करते हुए अपने घर के सामने पैड पर लिखकर, लॉक डाउन की है दरकाट- भोजन भी अपना अधिकार- लॉक डाउन को सफल बनाओ। घर घर में राशन पहुंचाओ, भूखे पेट को भात दो- कोरोना को मात दो सहित तमाम नारों के साथ भाकपा माले के समर्पित लोगों ने अपने घरों के दरवाजे पर खाली थाली बजाई और नारे लगाए। भाकपा माले जिला सचिव के अनिल पासवान ने लॉक डाउन का पालन करते हुए। अपने घर पर खाली थाली बजाई और नारे लगाए। और प्रेस को जारी बयान में कहा कि पिछड़े गरीब तीन हफ्तों से लाक डाउन मे चंदौली समेत पूरा प्रदेश व देश बंद है रोज दिहाड़ी कमाने वालों की जेबे अब पूरी तरह से खाली हो चुकी है। अपनी रोजाना की जरूरते पूरी करने में गरीब लोग असमर्थ भोजन तक पूरा नहीं मिल पा रहा है। बच्चे भूखे ही सो रहे हैं क्योंकि खाली अब खाली है। प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को प्लेट बर्तन आदि बजाने को कहा था लेकिन उन्हें अब भूखे पेट की आवाज सुननी चाहिए। क्योंकि भूखा भारत कोविड-19 से लड़ाई नहीं लड़ सकता। माले के जिला सचिव ने कहा कि सरकार भी हर किसी को खाना राशन मजदूरी स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा भत्ता देना चाहिए।
शहाबगंज। कस्बा क्षेत्र के रसिया ग्राम आदिवासी बस्ती में भाकपा माले जिला सचिव के निर्देश पर भाकपा माले के समर्पित कार्यकर्ता आदिवासी समाज के लोगों ने लाक डाउन का पालन करते हुए अपने घर के सामने पैड पर लिखकर, लॉक डाउन की है दरकाट- भोजन भी अपना अधिकार- लॉक डाउन को सफल बनाओ। घर घर में राशन पहुंचाओ, भूखे पेट को भात दो- कोरोना को मात दो सहित तमाम नारों के साथ भाकपा माले के समर्पित लोगों ने अपने घरों के दरवाजे पर खाली थाली बजाई और नारे लगाए। भाकपा माले जिला सचिव के अनिल पासवान ने लॉक डाउन का पालन करते हुए। अपने घर पर खाली थाली बजाई और नारे लगाए। और प्रेस को जारी बयान में कहा कि पिछड़े गरीब तीन हफ्तों से लाक डाउन मे चंदौली समेत पूरा प्रदेश व देश बंद है रोज दिहाड़ी कमाने वालों की जेबे अब पूरी तरह से खाली हो चुकी है। अपनी रोजाना की जरूरते पूरी करने में गरीब लोग असमर्थ भोजन तक पूरा नहीं मिल पा रहा है। बच्चे भूखे ही सो रहे हैं क्योंकि खाली अब खाली है। प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को प्लेट बर्तन आदि बजाने को कहा था लेकिन उन्हें अब भूखे पेट की आवाज सुननी चाहिए। क्योंकि भूखा भारत कोविड-19 से लड़ाई नहीं लड़ सकता। माले के जिला सचिव ने कहा कि सरकार भी हर किसी को खाना राशन मजदूरी स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा भत्ता देना चाहिए।
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