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Sunday, May 10, 2020

माँ भगवान के द्वारा बनाई गई सर्वश्रेष्ठ कृति है वह त्याग की मूरत है

लोकपति सिंह (जिला संवाददाता)

इलिया-मां  ममता का सागर होती है जिनके दिल में अपने बच्चे  के लिए अगाध प्रेम होता है, इस मातृत्व प्रेम का वर्णन केवल शब्दों में नहीं किया जा सकता है। मां निस्वार्थ भाव से बच्चों की सेवा करती है। इस  सेवा और स्नेह में हमें कभी कोई कमी नहीं आती है। ऐसे में मदर्स डे के दिन अपनी मां को गिफ्ट देकर, साथ में समय बिता कर, उसके  कामों में हाथ बटा कर, उन्हें सम्मान देने की कोशिश करते हैं  
 
 मदर्स डे का महत्व-
 मदर्स डे वह सुंदर दिन है जो दुनियाभर की सभी माताओं के सम्मान में मनाया जाता है हालांकि इस दिन को मातृ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन के  माध्यम से हम अपनी माताओं के प्रति  अपना प्यार और सम्मान व्यक्त करते हैं तथा उन्हें उपहार के रूप में कुछ ना कुछ जरूर देते हैं

शास्त्रों में भी लिखा है कि मां भगवान के द्वारा बनाई गई सर्वश्रेष्ठ कृति है वह त्याग की मूरत है मां के ममता की आंचल में हर खुशी है पूरे विश्व की  ममता कि आंचल में हर खुशी है पूरे विश्व की जननी माता ही है जिसके बिना संसार की कल्पना नहीं की जा सकती आज मदर्स डे है हर साल मई के दूसरे रविवार को पूरे विश्व में मदर्स डे मनाया जाता है कहा जाता है कि आधुनिक मातृ दिवस का अवकाश है 

 मदर्स डे उन सभी माताओं को समर्पित है जो आपकी पहले शिक्षक हैं और एक बच्चे को उनके लक्ष्य की तरफ बढ़ने में मदद करती हैं कहते हैं अगर धरती पर प्रेम का कोई कविता धूप है तो वह सिर्फ मा का प्रेम है वह बदले में कुछ चाहे अपने परिवार के लिए सब कुछ करती है और शायद यह एक मां की सबसे बड़ी विशेषता मानी जाती है
  1 मा और उसके बच्चे के बीच यह बंधन निस्वार्थ और बिना शर्त प्यार पर आधारित है देखभाल प्यार समर्थन समय पर सलाह मार्गदर्शन और जीवन की सबसे अच्छी दोस्त यही तो मां है 


 आइए जानते हैं मदर्स डे क्या कहते हैं कुछ लोग-

सैदूपुर से वरिष्ठ समाजसेवी गोविंद केसरी जी कहते हैं मां के बचपन की प्यार दुलार जीवन की एक अनमोल धरोहर है मां हमारी जीवनी है जीवन की पहली गुरु बल शिक्षा देती हैं इसके बिना बचपन की जीवन अधूरा है मां बच्चे के विकास की वह केंद्र बिंदु है यह जो बच्चे की भविष्य की मजबूत नीव रखती हैं मां का  प्रेम अनमोल है 

 ग्राम  बरहुआँ से श्रीकांत कुशवाहा कहते है वेदव्यास में ठीक ही कहा गया है कि माता जब तक जीवित रहती हैं मनुष्य सनाथ  रहता है और उसके ना रहने पर बच्चे अनाथ हो जाते हैं मां भगवान की बनाई गई सबसे अच्छी मूरत है वह जीवन की सबसे बड़ी आदर्श है इसके ममता के आंचल जहां सारे गम कम हो जाते हैं यह सदा आदरणीय है

चकिया  से वरिष्ठ समाजसेवी डॉ गीता शुक्ला कहती है  मां  ममता की मूरत की देवी है बच्चों को संवारने के लिए अपनी सारी खुशी का त्याग करती हैं मां के लिए बच्चे की खुशी और उज्जवल भविष्य से बढ़कर कोई कुछ नहीं है मां के आंचल में ही ममता की छांव बस्ती है मां का प्यार ना मिले तो जीवन अधूरा सा है


बरहुआँ मालती देवी कहती हैं 4  बच्चे एक बेटियां हैं हमारी मां खुशी की सबसे बड़ी अनुभूति हैं जीवन में इनके द्वारा किए गए त्याग और कृतज्ञता  को कोई भी अपने जीवन में।ऋण  नहीं चुका सकता जीवन में सदा ही इनका मान सम्मान करना चाहिए इसके  सानिध्य में ही जीवन की सच्ची कल्पना होती है

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