लोकपति सिंह (जिला संवाददाता)
चंदौली ।सैदूपुर। रविवार को बरहुआँ स्थित मृत्युंजय पांडेय संस्कृत महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रबंधक चंद्रशेखर पांडे नेतृत्व में रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया ।इस दौरान प्रबंधक चंद शेखर पांडेय ने कहा कि योग जीवन पद्धति है और अगर जीवन पद्धति सही होगी तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। जीवन पद्धति में सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक को समाहित किया जा सकता है। शारीरिक और मानसिक क्रियाएं होती है। कुछ आसन है जिनसे शरीर तंदुरूस्त रहता है और स्वसन तंत्र मजबूत होता है। उष्ट्रासन, मत्स्य आसन, भुजंगासन, धनुरासन इत्यादि शामिल है। मानसिक रूप से मजबूती के लिए प्राणायाम व यम नियम को समाहित किया जा सकता है। इससे भय से भी मुक्ति मिल सकेगी और आत्मबल भी जगेगा। ध्यान व धारणा का अभ्यास करने से मनुष्य भावनात्मक रूप से सकारात्मक तरीके से भी सुदृढ़ होता है।
बच्चे, युवा, अधेड़, बुजुर्ग सभी योग कर सकते हैं और बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। नियमित योग करने से व्यक्ति को बीमारियां छू भी नहीं पाती।
शारीरिक योग व प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। योग व प्राणायाम करने से शरीर से ऐसे बायो केमिकल निकलते हैं जिन्हें ऐसे हॉर्मोन्स निकलते हैं जिससे शरीर में एंटीबॉडी बनती है जो रोगों से लड़ने में मददगार होती है। सभी को नियमित रूप से योग को अपनी दिनचर्या के रूप में अपनाना चाहिए। इस दौरान ज्ञान प्रकाश द्विवेदी, गोविंद केसरी, लोकपति सिंह ,कार्तिकेय पांडेय,रामभजन,अरविन्द चौबे, लोकेश पांडे , उमाशंकर मौर्य ,डॉक्टर निखिल कुमार, आदि लोग मौजूद रहे
चंदौली ।सैदूपुर। रविवार को बरहुआँ स्थित मृत्युंजय पांडेय संस्कृत महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रबंधक चंद्रशेखर पांडे नेतृत्व में रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया ।इस दौरान प्रबंधक चंद शेखर पांडेय ने कहा कि योग जीवन पद्धति है और अगर जीवन पद्धति सही होगी तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। जीवन पद्धति में सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक को समाहित किया जा सकता है। शारीरिक और मानसिक क्रियाएं होती है। कुछ आसन है जिनसे शरीर तंदुरूस्त रहता है और स्वसन तंत्र मजबूत होता है। उष्ट्रासन, मत्स्य आसन, भुजंगासन, धनुरासन इत्यादि शामिल है। मानसिक रूप से मजबूती के लिए प्राणायाम व यम नियम को समाहित किया जा सकता है। इससे भय से भी मुक्ति मिल सकेगी और आत्मबल भी जगेगा। ध्यान व धारणा का अभ्यास करने से मनुष्य भावनात्मक रूप से सकारात्मक तरीके से भी सुदृढ़ होता है।
बच्चे, युवा, अधेड़, बुजुर्ग सभी योग कर सकते हैं और बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं। नियमित योग करने से व्यक्ति को बीमारियां छू भी नहीं पाती।
शारीरिक योग व प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। योग व प्राणायाम करने से शरीर से ऐसे बायो केमिकल निकलते हैं जिन्हें ऐसे हॉर्मोन्स निकलते हैं जिससे शरीर में एंटीबॉडी बनती है जो रोगों से लड़ने में मददगार होती है। सभी को नियमित रूप से योग को अपनी दिनचर्या के रूप में अपनाना चाहिए। इस दौरान ज्ञान प्रकाश द्विवेदी, गोविंद केसरी, लोकपति सिंह ,कार्तिकेय पांडेय,रामभजन,अरविन्द चौबे, लोकेश पांडे , उमाशंकर मौर्य ,डॉक्टर निखिल कुमार, आदि लोग मौजूद रहे
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