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Tuesday, December 22, 2020

साधन सहकारी समितियों का होगा जीर्णोद्धार - अरविन्द पाण्डेय

चहनियां/चंदौली। स्टेट मीडिया । भाजपा नेता अरविन्द पाण्डेय "डाक्टर " ने काबीना मंत्री अनिल राजभर को विगत दिनों पत्र लिखकर साधन सहकारी समिति सेवढी एवं नादी के जर्जर भवनों की मरम्मत एवं अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नवीन भवन की मांग किया थाl पत्र पर तत्काल कार्यवाही करते हुए कैबिनेट मंत्री ने सहकारिता मंत्री को पत्र लिख दिया है l इस बाबत भाजपा नेता अरविन्द पाण्डेय ने फोन पर बताया कि किसानों के लिए मण्डी समितियाँ एवं साधन सहकारी समितियों की रचना है l सकलडीहा विधानसभा में साधन सहकारी समितियाँ पर्याप्त मात्रा में है l इनका रख-रखाव एवं देखभाल समय - समय पर किया जाता है l अभी नए कृषि क़ानून में और भी बेहतर विकल्प दिए गए है l खाद के रखरखाव में आधुनिक तकनीक अभाव के नाते सीढ़न से उसकी गुणवत्ता में कमी आ जाती है l बोरे फट जाते है और बहुत सी मूल सुविधाओं के अभाव की समस्या किसान के सामने खड़ी हो जाती है । अत्याधुनिक खेती सरकार की प्राथमिकता है और भंडारण, रख-रखाव के लिए अत्याधुनिक गोदाम बनाए जा रहे है l बीज प्रसोधन केंद्र स्थापित किए जा रहे है । ऐसे में साधन सहकारी समिति भी आधुनिक सुविधाओ से युक्त हो यह हमारा प्रयास है l अरविन्द पाण्डेय ने आगे बताया कि सकलडीहा विधानसभा में भाजपा का विधायक का न होना यहाँ की जनता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है l एक तरफ जहाँ सरकार की योजनाओ से जुड़कर अन्य विधानसभाएं विकासोन्मुख हो रही है तो दूसरी तरफ अपने दलीय कुंठा में डूबे विधायक सरकारी योजनाओ में कमी निकालने में ही अपना पूरा समय व्यतीत कर दें रहे हैं l आज सरकार के साथ जुड़कर जनता ने मोर्चा सम्हाल लिया है तो स्थानीय विधायक लोकतंत्र के सजग प्रहरी होने की बजाए लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है l क्षेत्रीय जनता को अपने लम्बे अनुभव के सहारे विकास से ना जोड़कर मात्र परिवारवाद के विकास पर ध्यान देना यहाँ की जनता के लिए भारी पड़ता जा रहा है l गांव, गरीब, किसान की लड़ाई के नाम पर बहकाकर वोट माँगने वाले लोंगो को गरीब अब पहचान चूका है l अपने विशेषाधिकारो को ना पहचानकर जिलाधिकारी को ज्ञापन देना क्षेत्रीय जनता को बहकाने एवं अपने दायित्वों से भागने से ज्यादा और कुछ भी नहीं है l उन्हीने कहा की अब जातिवाद से ऊपर उठकर युवा विकासवाद की राह पकड़ चूका है l काम करने वाले को अपना हिसाब देना पड़ेगा सिर्फ सरकार का दोष देकर जनता को धोखे में नहीं रखा जा सकता है l किसानो की आवश्यकता उनका धान बेचना है, उनको खाद उपलब्ध कराना है कृषि बिल की ख़राबी समझाने से ज़्यादा बेहतर होता यदि वह क्रय केन्द्र निर्धारण के लिए समय पर विधानसभा में इसको समझकर आवाज़ उठाये होते। 

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