सिकंदरपुर /चंदौली । चंद्रप्रभा साहित्यिक संस्था द्वारा संचालित चंद्रप्रभा साहित्यिक मंच के बैनर तले रामस्वरूप लाल मंगल स्मृति काव्य समारोह का कार्यक्रम आदित्य पुस्तकालय चकिया में रविवार को संपन्न हुआ ।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम मंगल जी के परम शिष्य भानु प्रताप शर्मा को सम्मान पत्र एवं अंगवस्त्रम देकर के सम्मानित किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम प्रारंभ हुआ प्रारंभ में रामजनम भारती जी द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत किये ।
वही तेजबली अनपढ़ किसानी गीत प्रस्तुत किया, आलियार प्रधान नफरत की निगाहों से मत देखो,हम दो के मेहमान यहां।शिवदास अनपढ़, कवने करनवा निष्ठूर कईला मनवा।गोवर्धन मास्टर साहब,राजेश विश्वकर्मा राजू खाये पिये के मजा मिलेला कटैला खुबै चानी परधानी के लहर में रामप्रवेश झांउ जी किसानों की समस्या पर
मंगला चौहान जी मंगल जी द्वारा रचित देश भक्ति रचना प्रस्तुत की मिथिलेश जी लागल बा सब के इलेक्शन का हावा, मुर्गा खियावा।
प्रदीप पाठक एडवोकेट जी कबो फागुन कबो बनके चईत मंगल सुना जालैं।भानु प्रताप शर्मा जो जिनको आज सम्मानित किया गया उन्होंने मंगल जी की ओ गीत सुनाया जो उन्होंने आखिरी समय में लिखा था सीमवा पे डोलिया उतार दा कहारवा नयन भर निहार लेवे दा,
वसीम अहमद ने मैं तेरे हुस्न को क्या नाम दूं
बंधु पाल बंधु ने राजनीति पर चुनावी माहौल का कविता सुनाएं जैईसे उदयी वईसे भाड़
रामअवध सिंह संतोष कुमार धूर्त मेरा नाम न इस कदर ना उछालिए रामअलम सिंह जिवन जी लड़ब परधानी राजा बिक्री चाहे सगरी राजेंद्र प्रसाद गुप्त बांवरा जी नफरत की चिंगारी धलकल देख झुलस रहल सब कोई, प्रमोद कुमार पीके निर्मल विजय नारायण पाठक जुलुम फागुन में फूलल फूल गेदवा हो राजा रामजन्म भारती । कार्यक्रम की अध्यक्षता बेचई सिंह मालिक तथा संचालन हरिबंश सिंह बवाल ने किया ।
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