वाराणसी। पहाड़ों व मैदानी एरिया में भारी बरसात के बाद गंगा का जलस्तर उफान पर है। नदी के जल में लगातार बढ़ाव जारी है। हालात यह है कि गंगा किनारे सभी 84 घाटों का एक दूसरे से संपर्क तो दो दिन पहले से ही टूट गया है। अब दाह संस्कार भी छतों व सीढ़ियों पर होने लगा है। मणिकर्णिका घाट पूरी तरह से डूब गया है। वहां अब छतों पर दाह संस्कार होने लगा है। वहीं हरिश्चंद्र घाट की भी सभी सीढ़ियां सोमवार को डूब गई जिससे दाह संस्कार अब सबसे ऊपरी वाली सीढी पर होने लगा।गंगा में लगातार बढ़ाव का आलम यह है कि जहां सोमवार को गंगा का जलस्तर 66.52 मीटर रिकार्ड किया गया। वहीं, मंगलवार को 67.57 मीटर दर्ज किया गया। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है। इससे वर्तमान जल स्तर तीन मीटर से भी कम दूर रह गया है यानि गंगा अब खतरे के निशान बिंदु 71.26 मीटर की ओर अग्रसर हो रही है। इसे देखते हुए नौका संचालन पर पूरी तरह से रोक है। गंगा में लगातार बढ़ाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने नावों के संचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है। उधर, गंगा में बढ़ाव का असर वरुणा नदी पर दिखने लगा है। जिला प्रशासन व एनडीआरएफ ने वरुणा किनारे भी अपनी चौकियां लगाकर जलस्तर पर नजर रख रही है ताकि किसी भी दशा में आपात स्थिति से निबटा जा सके।
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