चंदौली(मीडिया टाइम्स)। जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा जोखिम न्यूटीकरण जागरूकता अभियान संबंधित बैठक सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान कहा कि आईएमडी की ओर से अलर्ट जारी किया गया है। इस साल तापमान सामान्य से अधिक बना रहेगा। आपात स्थिति में स्वास्थ विभाग,पुलिस विभाग, श्रम विभाग, जिला पंचायत राज एवं वन विभाग को दिशा निर्देश दिए। कहा कि हीट वेव 'लू' की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर प्रभाव डालती है, जिससे मृत्यु भी हो सकती है। इसके प्रभाव को कम करने के लिए निम्न तथ्यों पर ध्यान देना चाहिए:-
क्या करें:-
अधिक से अधिक पानी पियें, यदि प्यास न लगी हो तब भी। हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें। धूप के चश्में, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करे।अगर आप खुले में कार्य करते है तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहें तथा छाते का प्रयोग करें। यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ ले जाएं। ओ०आर०एस०, घर में बने हुये पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी (माड़), नीबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे कि शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके। हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट लैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आदि! को पहचानें। यदि मूर्छा या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सीय सलाह लें। अपने घरों को ठण्डा रखें, पर्दे दरवाजे आदि का उपयोग करें। तथा शाम / रात के समय घर तथा कमरों को ठण्डा करने हेतु इसे खोल दें। पंखे, गीले कपड़ों का उपयोग करें तथा बारम्बार स्नान करें। कार्य स्थल पर ठण्डे पीने का पानी रखें / उपलब्ध करायें। कर्मियों को सीधी सूर्य की रोशनी से बचने हेत, सावधान करें। श्रमसाध्य कार्यों को ठण्डे समय में करने / कराने का प्रयास करें। घर से बाहर होन' की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढायें। गर्भस्थ महिला कर्मियों तथा रोगग्रस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा प्रचार माध्यमों पर हीट वेव/लू की चेतावनी पर ध्यान दें।
क्या न करें:-
बच्चों को खड़ी गाडियों में न छोड़े। दोपहर 12 से 03 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें। गहरे रंग के भारी तथा तंग कपड़े न पहनें। जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने उ0प्र0 राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी पम्पलेट का विमोचन भी किया गया। बैठक के दौरान आपदा विशेषज्ञ प्रीति शिखा श्रीवास्तव द्वारा प्रोजेक्ट के माध्यम से प्रजेंटेशन किया गया।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 उमेश मिश्रा, मुख्य चिकित्साधिकारी, सहायक संभागीय अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारीगण, तहसीलदारगण, आपदा लिपिक चंद्रकांत एवं विजय कुमार मौर्य सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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