पूर्व चेयरमैन के निधन के बाद से लगातार कई प्रशासकों के जिम्मे रहा नगर पंचायत चकिया,शासन द्वारा करोड़ों के विकास कार्यों के बावजूद कई वार्डों में बुनियादी समस्याओं का है बोलबाला, असंतुष्ट नागरिकों ने आवास योजना सहित कई सरकारी योजनाओं में लगाया है धांधली का आरोप
रिपोर्ट- तरुण भार्गव
चकिया। प्रदेश सरकार द्वारा नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना व तिथि निर्धारित करने के बाद नगर पंचायत चकिया में कई राजनीतिक पार्टियों सहित निर्दल प्रत्याशियों ने ताल ठोकने शुरू कर दी है तथा नामांकन की प्रक्रिया लगातार जारी है। वही नगर पंचायत चकिया के 12 वार्डों में भी वार्ड मेंबर का चुनाव लड़ रहे लोगों की भरमार सामने आ गई है तथा लोग अपने अपने हिसाब से जनता की नब्ज टटोल रहे हैं। आपको बता दें कि पूर्व चेयरमैन अशोक कुमार बागी के कोरोना काल में निधन के बाद से नगर पंचायत चकिया की बागडोर शासन द्वारा निर्धारित कई प्रशासकों के जिम्मे रही कोविड-19 के बाद सर्वप्रथम ज्वाइंट मजिस्ट्रेट शिपू गिरी को प्रशासक नियुक्त किया गया। जिसके बाद से लगातार उपजिलाधिकारी अजय मिश्रा, प्रदीप कुमार के बाद बुलडोजर मैन व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा को प्रशासक बनाया गया।
जिसके बाद से नगर पंचायत की सरकारी भूमि पर कब्जा जमाए लोगों के विरुद्ध युद्ध स्तर पर अभियान चलाया गया। जिससे नगर में हलचल मच गई। वही सरकारी आंकड़ों की बात करें तो प्रेम प्रकाश मीणा के समय कई वर्षों से अतिक्रमण की जद में रही विभिन्न सरकारी व सार्वजनिक भूमि को दल बल के साथ पहुंचकर मुक्त कराया गया। जिस पर नगर वासियों की बुनियादी सुविधाओं सहित अन्य सार्वजनिक उपयोग के लिए विकास कार्य भी कराए गए इसके बाद वर्तमान उपजिलाधिकारी ज्वाला प्रसाद द्वारा नगर पंचायत चकिया की बागडोर संभाली गई है। शासन द्वारा करोड़ों रुपए की राशि खर्च करके नगर के विभिन्न स्थानों पर नगर पंचायत चकिया द्वारा कई कार्य कराए गए तथा कुछ कार्य अभी भी चल रहे हैं जिसको लेकर कई लोगों ने भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए मामले को उछाला तथा जांच की मांग की है। गौरतलब है कि आम जनता द्वारा चुने हुए वार्ड सभासदों पर भी कई सरकारी योजनाओं में पक्षपात व घोटाले का आरोप लगा का क्रम जनता द्वारा किया गया है कुल मिलाकर जनता इस बार घोटाले बाजों को सबक सिखाने तथा मनपसंद प्रत्याशियों को वोट देने के लिए तैयार है नगर के वार्ड की बात करें तो कई में साफ सफाई पीने के पानी की सुविधा सहित सार्वजनिक शौचालय तथा नगर पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण की स्थिति काफी मायूस करती है। वहीं कई लोगों द्वारा विकास कार्यों में हो रही अनियमितता को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है। गौरतलब है कि 17 मई तक लगातार नामांकन की प्रक्रिया के बाद 4 मई को वोट पड़ने हैं जनता को अपने पक्ष में करने के लिए प्रत्याशियों द्वारा हर तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। अब देखना यह है कि जनता द्वारा किस प्रत्याशी को अध्यक्ष पद की कुर्सी पर बैठाया जाता है तथा किसको निराशा हाथलगती है।
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