एडिसनल सीएमओ ने तीन दिन में मानक पूरा करने का दिया निर्देश अन्यथा होगी बड़ी कार्रवाई
बिना डॉक्टर के ही किया जा रहा था इलाज
चकिया। चन्दौली एक तरफ प्रदेश सरकार के द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों को फरमान जारी किया गया है की किसी भी दशा मे बगैर मानक के अस्पताल पैथालॉजी सेंटर ना संचालित किया जाए तथा तथा प्रदेश सरकार के द्वारा हास्पिटल पैथोलॉजी सेंटर खोलने को लेकर बाकायदा एक मानक तय किया गया है।
जिससे मरीजों का बेहतर तरीक़े से इलाज हो सके तथा किसी भी मरीजों की जिंदगी के साथ जिंदगी के साथ खिलवाड़ ना हो सके तथा प्रशिक्षित चिकित्सक तथा डिग्री वाले ही मरीजों का ईलाज जांच कर सके मगर प्रदेश सरकार के आदेश पर जमीनी स्तर पर बगैर मानक के धडल्ले से अवैध पैथोलॉजी सेंटर संचालित करते हुए अप्रशिक्षितो के हाथो सौप दी गयी है। जिसको संज्ञान मे लेकर स्वास्थ्य विभाग की कुम्भकर्णी नींद टुट गया,और स्वास्थ्य विभाग की टीम मे एडीसनल सीएमओ समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मानक विहीन प्रकाश पाली क्लीनिक मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर पर छापेमारी की गयी।
दरअसल पूरा मामला चकिया तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले शिकारगंज के उचहरा में प्रकाश पाली क्लीनिक मदर एंड चाइल्ड केयर सेंटर की है जिसको खबर में बाकायदा प्रकाशित किया था।
वही की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी विकास सिंह के द्वारा बताया गया था कि यह सेंटर बगैर मानक के चलाया जा रहा है और हमारे स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित करके जल्द ही छापेमारी करेगी।
वही सोमवार को दोपहर के करीब एडिसनल सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो बगैर डॉक्टर के ही सेंटर का संचालन किया जा रहा था वही जब एडिशनल सीएमओ के द्वारा मानक के बारे में मौके पर मौजूद स्टाफ से बात की तो उनके द्वारा मानक के अनुसार जानकारी नहीं दी गई और ना ही कोई कागजात दिखाया गया और मौके पर डॉक्टर भी मौजूद नहीं थे।
वही मुद्दे की बात यह है कि स्टाफ के द्वारा बताया गया कि एक डॉक्टर है जो हर रविवार को सेंटर पर आकर बैठते हैं तभी स्टाफ ने डॉक्टर से एडिसनल सीएमओ की फोन पर बात कराई गई वही फोन पर वार्ता के दौरान डॉक्टर के द्वारा बताया गया कि मैं आयुर्वेद का डॉक्टर हूं जबकी सेंटर पर एलोपैथ की दवाओं द्वारा मरीजो का उपचार धड़ल्ले से किया जा रहा था।
वही पूरी जानकारी लेने के बाद एडीसनल सीएमओ ने संचालक को नोटिस देते हुए तीन दिन का कड़ी चेतावनी देते हुए निर्देश किया कि अगर तीन दिन में मानक पूरा नहीं होता है तो अस्पताल को सीज करते हुए मुकदमा दर्ज किया जाएगा वहीं अब देखना यह है कि एडिशनल सीएमओ साहब अपने बातों पर कितना खरा उतरते हैं।
नोट:- विशेष बात यह है कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और एडिशनल सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम को पहले ही यह पता था कि प्रकाश पाली क्लीनिक मदर एंड चाइल्ड सेंटर जो कि वर्तमान में नाम बदल दिया गया है वह फर्जी और बिना रजिस्ट्रेशन के चलाया जा रहा है और मौके पर पहुंचने के बाद भी ऐसा पूर्ण रूप से सच्चाई पाया गया तथा डॉक्टर की गैर मौजूदगी में इलाज भी किया जा रहा था वही डॉक्टर के द्वारा बताया गया कि डिग्री आयुर्वेद की है जबकि मरीजों का इलाज एलोपैथ से धड़ल्ले से की जा रही थी इसके बाद भी एडिसनल सीएमओ डॉक्टर से फोन पर वार्ता करते ही मेहरबान क्यों हो गए प्रश्न खड़ा होता है?
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