कल 4 सितंबर 2023 को आजाद अधिकार सेना द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के मीडिया विरोधी शासनादेश के संबंध में किया जा रहे कार्यक्रम विषयक प्रत्यावेदन का प्रारूप निम्नवत है. समस्त जिला अध्यक्षों व उनसे वरिष्ठ पदाधिकारीगण से अनुरोध है कि कल पार्टी द्वारा किए जा रहे इस कार्यक्रम के संबंध में आज ही स्थानीय मीडिया को अवगत करा दें तथा कल लगभग 11:00 बजे पार्टी के पदाधिकारी जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय जाकर उक्त ज्ञापन जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से प्रेषित करें---
सेवा में
माननीय मुख्य न्यायधीश,
माननीय सर्वोच्च न्यायालय,
नई दिल्ली
विषय - उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लोकतंत्र के चौथे खंभे को दबाने और कुचलने के गलत इरादों से पारित शासनादेश का स्वत संज्ञान लेते हुए इसे निरस्त किए जाने हेतु लेटर पिटीशन,दैनिक जागरण को मिला नोटिस
द्वारा -जिलाधिकारी
योर लॉर्डशिप ,
कृपया सादर अवगत करना है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा समस्त मंडलायुक्त (उत्तर प्रदेश) एवं समस्त जिलाधिकारी (उत्तर प्रदेश) को दिनांक 16 अगस्त 2023 को पत्रांक संख्या 721/चौंतीस-लो0शि0-05/2023 (प्रतिलिपि संलग्न) जारी किया है, जो प्रथमदृष्टया संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के स्पष्ट विरोध में होने के कारण निरस्त किए जाने योग्य प्रतीत होता है.
आज़ाद अधिकार सेना इसका पुरजोर विरोध करती है और इस लेटर पिटीशन के माध्यम से सादर अवगत कराना चाहती है कि यह मीडिया के अधिकारों पर कुठाराघात है. इस प्रकार के आदेश से संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों का हनन होगा अर्थात लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप स्थापित मीडिया के दायित्वों पर अंकुश लगाए जाने का एक अनुचित प्रयास होगा.
इस शासनादेश की भाषा स्पष्ट रूप से ऐसी है जिसका एकमात्र अर्थ यह निकलता है कि पत्रकार और मीडिया सिर्फ और सिर्फ शासन के पक्ष की खबरें प्रकाशित करें. इस शासनादेश का यह भी अर्थ है कि कोई भी ऐसी खबर जो सरकार की सच्चाई को सामने लाता है या सरकार के नुमाइंदों, कारिंदों और इसके विभिन्न अवयव के संबंध में सरकार की निगाह में नकारात्मक खबरें सामने लाता है तो सरकार उसे पसंद नहीं करेगी और अपने अफसरों के माध्यम से इन मीडिया ग्रुपों और पत्रकारों का हिसाब किताब करेगी, उनके समाचारों के संबंध में उनका स्पष्टीकरण लगी और उनके विरुद्ध मनचाहा कार्यवाही करेगी.
कहने का अर्थ यह है कि इस शासनादेश में सरकार के अफसरों को इस बात की पूरी छूट दे दी गई है कि वे मीडिया और समाचार पत्रों के खबरों की मनमानी स्क्रुटनी करें, मनमाफिक खबरें प्रकाशित कराया जाना सुनिश्चित करें और ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें.
इस प्रकार यह शासनादेश लोकतंत्र की मूल अवधारणा के पूरी तरह खिलाफ है और संविधान के अध्याय 3 के अनुच्छेद 19 में प्रदत्त स्वतंत्रता के अधिकार का सीधा-सीधा हनन है. विशेष कर लोकतंत्र के चौथे खंभे मीडिया के संबंध में जारी किया गया यह शासनादेश पूरे लोकतंत्र को दबाने और कुचलने का एक अनुचित प्रयास है।
अत: योर लॉर्डशिप से सादर अनुरोध है कि उक्त सन्दर्भ मे हमारे इस लेटर पिटीशन को स्वीकार करते हुए तत्काल इस प्रकरण की रिट याचिका के रूप में सुनवाई कर उक्त शासनादेश दिनांक 16 अगस्त 2023 को निरस्त करते हुये लोकतंत्र के चोथे स्तम्भ को निष्पक्ष, निडर और सत्यता के आधार पर लिखने की आजादी देते हुए लोकतंत्र की रक्षा करने की कृपा करें ।
हम सब आजाद अधिकार सेना के साथी
एवं जिलाध्यक्ष
आजाद अधिकार सेना
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