चकिया(मीडिया टाइम्स)। देश मे राजनीतिक सामाजिक उथल पुथल में पत्रकारों को उनके काम के लिए निशाना बनाया जा रहा है, आए दिन उनपे हमले हो रहे है और तो और उन्हे गंभीर धाराओं के तहत सलाखों के पीछे कैद किया जा रहा हैं।
बीते सालो मे देश के पत्रकारों पर कई गंभीर हमले भी हुय लेकिन सरकार ने कुछ भी नही किया बल्कि जो निष्पक्ष और आलोचनात्मक पत्रकार है उनपर वर्तमान में पत्रकारो पर जाति हमला बढ़ता जा रहा है ।
पत्रकार अमित मौर्या ने हिन्दू देवी दुर्गा के लिए एक टिप्पणी की, उन्होंने मार्कंडेय पुराण से ली गई दुर्गासप्तशती के एक श्लोक का ज़िक्र करते हुए दुर्गा के एक प्रकरण विशेष में वैश्यावतरण का उल्लेख कर दिया।
उन्होंने अपने वीडियो में दुर्गा सप्तशती के संदर्भ का पूरा उल्लेख भी किया था। बावजूद इसके, कुछ लोगों की धार्मिक कट्टरता इस वीडियो से आहत हो गई और वह लोग विरोध के किसी संवैधानिक रास्ते को अख़्तियार करने के बजाय दबंगई का रास्ता अख़्तियार करते हुये अमित मौर्या के आवास पर पहुँच गए और उनके साथ मारपीट करते हुये उन्हें थाने ले गए। थाने में पुलिस के सामने भी उन लोगों द्वारा अमित को पीटा गया, गलियाँ दी गईं, बावजूद इसके मौके पर मौजूद पुलिस ने उन दबंगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। इस बीच शिवपुर थाने में दबंगों द्वारा तहरीर दी गई, जिसको संज्ञान में लेकर पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया। इस मामले में छह लोगों ने पत्रकार अमित मौर्या ‘निर्भीक’ के खिलाफ तहरीर दी है।
सूत्रों के मुताबिक खबर छानबीन क्रमशः...............
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