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Monday, January 15, 2024

बेटियों के पक्ष में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- अविवाहित बेटी भी भरण पोषण की हकदार

इलाहाबाद ( मीडिया टाइम्स )।  अविवाहित बेटियों के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाइकोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अविवाहित बेटी भी गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। वह चाहे किसी भी धर्म, आयु या रोजगार से जुड़ी हो। 

यह फैसला न्यायमूर्ति ज्यौत्सना शर्मा की अदालत ने एक पिता की ओर से देवरिया की निचली अदालत द्वारा पहली पत्नी से जन्मी तीन बेटियों को गुजारा भत्ता दिए जाने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए सुनाया है।

जाने क्या था पूरा मामला

याची ने वर्ष 2015 में अपनी पहली पत्नी के देंहात के बाद दूसरा विवाह कर लिया। जिसके बाद पहली पत्नी से जन्मी तीन बेटियों ने देवरिया के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत अपने पिता से अंतरिम भरण पोषण देने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि मां की मौत के बाद पिता सौतेली मां के साथ इनके साथ मारपीट करता है। इसके अलावा पिता ने बेटियों की पढ़ाई भी रोक दी है। देवरिया न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने इसपर फैसला सुनाते हुए पिता को बेटियों को भरण पोषण के लिए तीनों बेटियों को तीन हजार रूपये प्रति माह देने का फैसला सुनाया था। 

जिसके बाद याची ने जिला जज की अदालत में चुनौती दी थी। जहां से चुनौती खारिज कर दी गई थी। जिसके बाद पिता ने बेटियों को भरण पोषण देने से बचने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसपर हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया।

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