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Saturday, February 3, 2024

27 लाख की सड़क सिर्फ कागजों में बनी, डिप्टी सीएम ने किया था शिलान्यास

मिर्जापुर ( (मीडिया टाइम्स )। में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जिस सड़क का शिलान्यास किया था। 

उस पर अधिकारियों की ऐसी नजर लगी कि सड़क जमीन पर ही नहीं उतर सकी। अधिकारियों ने कागजों में ही सड़क तैयार किया और पैसा खा गए। इसका खुलासा तब हुआ जब मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की गई। जांच में तीन अधिकारी दोषी पाए गए। डीएम प्रियंका निरंजन ने जिम्मेदार अधिकारियों के निलंबन के लिए शासन को पत्र लिखा है और कार्रवाई की मांग की। मामला मिर्जापुर जिले के कोन विकास खंड का है।

बता दें कि चिंदलिक से टेढ़वा तक 1 किलोमीटर और मल्लेपुर से यादव बस्ती में 0.95 किलोमीटर सड़क के पुननिर्माण की शासन ने स्वीकृति दी थी। निर्माण के लिए 27 लाख रुपए की राशि भी जारी की गई थी । 24 जून 2021 को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने इसका शिलान्यास किया था। सड़क के किनारे शिलापट्‌ट भी लगा दिया। गांव और आसपास के लोग सड़क बनने को लेकर खुश होते रहे।

इलाके के लोगों को लगा कि जल्द काम शुरू होगा और जर्जर सड़क से उन्हे निजात मिल सकेगी। लेकिन तीन अधिकारियों ने न डिप्टी सीएम का ध्यान रखा और न ही जनता की समस्या का। अधिकारियों ने मिलीभगत कर सड़क का सारा पैसा गोलमाल कर दिया। सड़क जमीन पर नहीं उतरी सिर्फ कागजों में ही रह गई। साथ ही सरकार का स्वीकृत किया गया पैसा अधिकारियों की जेब में चला गया।


विनोद कुमार सिंह ने मामले की शिकायत की


सड़क गोलमाल मामले में हिंदू महासभा के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की। उन्होने शिकायत पत्र में कहा कि सड़क निर्माण पूरा करने की बात रिकॉर्ड में दर्ज है। लेकिन सड़क पुननिर्माण हुआ ही नही है। जांच अधिकारी लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता अरविंद कुमार जैन ने प्रस्तुत की। जिसमें अधिशासी अभियंता समेत 3 लोगों को दोषी पाया गया है। आरोपियों के खिलाफ निलंबन की कारवाई करते हुए विभागीय स्तर पर कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

शिलापट्ट पर सांसद विधायक के भी नाम

जिस सड़क का शिलान्यास डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने किया था। उसका बाकायदा शिलापट्ट भी लगाया गया था। डिप्टी सीएम के साथ ही शिलापट्ट पर मिर्जापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल और शहर विधायक रत्नाकर मिश्र का भी नाम दर्ज है। ठेकेदार ने स्वीकृत सड़क को कागजों में ही बनवा डाला। विभागीय अधिकारियों ने उनका भरपूर सहयोग किया, जिससे बिना सड़क निर्माण के ही भुगतान भी कर दिया।

तीन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि 2021-22 में दोनों संपर्क मार्ग का निर्माण स्वीकृत किया गया था। शिकायत मिलने पर जांच कराई गई, जिसमें शिकायत सही पाई गई, जिसमें भुगतान करने के लिए पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंता संतोष कुमार, सहायक अभियंता सुशील कुमार और अधिशासी अभियंता सुनील दत्त शामिल हैं। इन सभी पर कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है।

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