चकिया (मीडिया टाइम्स)। जहाँ एक तरह पूरा देश राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को लेकर गर्व के साथ उसे
सम्मान पूर्वक सभी सरकारी, निजी कार्यालय पर फहराया जाता है।
हमारे देश का शान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सम्मान व उसकी रक्षा करने के लिए ना जाने कितने देश भक्तो ने अपनी जान दें दिया गया।
तो वही चंद चाटुकार दलाल पत्रकारों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को लेकर आवाज बुलंद करने वाले पत्रकारों पर चिकित्सा प्रभारी विकास सिन्हा के सह पर बेबुनियाद तथ्यहीन आरोप लगा कर बदनाम करने की कोशिश किया जा रहा है।
जाने क्या है मामला
दरसल चकिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत एक महिला चिकित्सक अंशुल सिंह पर बाहरी द्वारा लिखें जाने व इलाज मे लापरवाही करने का आरोप लगाते हुए प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया गया था। जिसके बाद मामले मे पीड़ित व्यक्ति के साथ पत्रकार मामले मे जानकारी लेने प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के पास पहुंचे जहाँ पत्रकारों की नजर कार्यालय पर लगे राष्ट्रीय ध्वज पर पड़ी। राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित तरिके से कार्यालय पर लगाये जाने पर पत्रकारों ने प्रभारी चिकित्साधिकारी से सवाल करते हुए मामले मे उनका जवाब माँगा गया, जिसके बाद चिकित्सा प्रभारी द्वारा पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए कहा की सरकार फंड आने पर झंडा बदला जायेगा ना आने पर ऐसे ही लगा रहेगा।
वही देश के शान राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित होता देख के राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित करने वाले प्रभारी चिकित्साधिकारी पर कार्यवाही को लेकर जिलाधिकारी चन्दौली व उपजिलाधिकारी चकिया को अवगत कराते हुए देश के राष्ट्रीय झंडे तिरंगे को अपमानित करने वाले पर कार्यवाही की मांग करते हुए प्रार्थना पत्र उपजिलाधिकारी चकिया व थाना प्रभारी को दिया गया। साथ ही सोशल मीडिया एक्स के माध्यम से उच्च अधिकारियो को अवगत कराया गया, जिसके बाद मामले मे पुलिस अधिकारीयों द्वारा कार्यवाही करने का आदेश दिया गया और जांच टीम गठित भी किया गया।
वही मामले मे फसता देख चिकित्सा प्रभारी विकास सिन्हा द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के मामले मे शिकायत करने वाले पत्रकारों पर झूठा आरोप लगा कर पुलिस से शिकायत किया गया तथा वही मामले मे क्षेत्र के चंद चाटुकार पत्रकारों से बेबुनियाद आरोप लगा कर खबर चलवाया जा रहा है।
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