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Sunday, March 14, 2021

शिष्य के मन में सीखने की इच्छा को जो जागृत कर पाते हैं वही अध्यापक अध्यापिका होती है।

 


चकिया/चंदौली। लोक मीडिया। शिक्षक के द्वारा बच्चे  के भविष्य को बनाया जाता है एवं शिक्षक ही वह सुधार लाने वाला व्यक्ति होता है। कहा जाता है कि शिक्षक का स्थान भगवान से भी ऊँचा होता है।  क्योंकि शिक्षक ही  सही या गलत के मार्ग का चयन करना सिखाता है। एक सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनाने का प्रयास करता है। इसलिए हम यह कह सकते है कि शिक्षक अपने शिष्य का सच्चा पथ प्रदर्शक है विद्यालय में समस्त क्रियाओं की व्यवस्था और उनका कुशल संचालन केवल प्रधानाध्यापक का ही कर्तव्य नहीं है, बल्कि विद्यालय का अभिन्न अंग होने के कारण विद्यालय के प्रत्येक कार्य समय सारणी बनाना, पाठ्य सहगामी क्रियाओं का आयोजन करना, और संचालन करना आदि में प्रधानाध्यापक व अध्यापक का व्यवहार आज के संदर्भ में मित्रवत् होना चाहिए। मित्रवत् व्यवहार होने पर छात्र अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को खुलकर प्रकट कर सकते हैं। अध्यापकों से भय का भाव उन्हें अपने से दूर करता चला जाता है। वे कद और भार में तो शारीरिक रूप से बढ़ते रहते हैं। लेकिन मानसिक रूप से उनका विकास नहीं होता  हैं। इससे शिक्षक द्वारा दिया गया ज्ञान व्यर्थ ही जाता है। 

बता दें कि सम्मानित होना तो हमेशा से ही खुशी देता है लेकिन एक नारी का वो भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपने गृह जनपद  में जिला प्रशासन द्वारा एक कर्तव्यनिष्ठ और सशक्त नारी के रूप में रीता पांडेय को सम्मानित होना एक अलग ही अनुभूति देता है। लेकिन  इन सबसे बड़ी उपलब्धि ये लगती है कि आप अपने विभाग का जिले स्तर पर प्रतिनिधित्व करते हो वो भी मिशन शक्ति एवं बालिका शिक्षा के क्षेत्र किये गए कार्यों के लिये  यह एक वास्तविक गौरव का क्षण होता है किसी भी महिला शिक्षिका के लिये भरे पल देने के लिए विधायक महोदया श्रीमती साधना सिंह, चन्दौली के जिलाधिकारी महोदय  संजीव कुमार सिंह (IAS), पुलिस अधीक्षक  अमित कुमार जी (IPS) सहित अन्य जिला स्तर के अधिकारियों ने सम्मानित कर शुभकामनाएं दी। जिससे पुरा शिक्षा विभाग गोर्वानित है।

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