चकिया(मीडिया टाइम्स)। प्रदेश सरकार के द्वारा जहां छुट्टे रुप से घुम रहे गौवंशो को एक जगह एकत्रित कर सुरक्षित रखा गया जिसका प्रमुख उद्देश्य था की गौवंशो को एक स्थान पर रखकर उनकी उचित देखभाल हो सके तथा गौ वंशो से किसानों का फसल भी नुकसान ना हो सके।
आपको बताते चले की शासन के द्वारा गौ वंशो के समुचित रखरखाव तथा खाद्य सामग्री को लेकर बाकायदा शासन के द्वारा बजट भी दिया गया।
जिससे गौवंशो को समुचित सुविधाओं उपलब्ध हो सके लेकिन शासन के लाख प्रयास के बाद भी जमीनी स्तर पर शासन की गौ संरक्षण योजना पर अधिकारियों की लापरवाही से दम तोडती नजर आ रही है तथा गौ आश्रय केंद्र में गौवंश सुखा चारा खाने को लाचार है और अधिकारी कागजो मे ही गौ वंशो को सभी सुविधाओं उपलब्ध करा कर कोरमपुर्ती कर ले रहे है।
दरअसल पुरा मामला आदर्श नगर पंचायत चकिया का है जहां चकिया ब्लाक परिसर मे लाखों रुपये निर्मित गौ आश्रय केंद्र बनाया गया है। जिसका प्रमुख उद्देश्य था की आसपास के गौवंशो को आश्रय मिल सके तथा एक स्थान पर रखा जा सके आदर्श नगर पंचायत चकिया के द्वारा गौवंशो के रखरखाव को लेकर बाकायदा कर्मचारी की नियुक्ति भी की गयी है।
वही परिसर मे ही पशु अस्पताल भी संचालित होता है जिससे गौ वंशो को समय पर इलाज हो सके लेकिन नगर पंचायत के अधिकारियों कर्मचारियों की लापरवाही से एक बार फिर एक गौवंश की मौत हो गयी है।
आपको बताते चले की जहां आदर्श नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से जहां गौवंशो को जहां सुखा चारा नाम मात्र का डालकर कोरमपुर्ती कर दिया जा रहा है। जिससे गौवंश आर्थिक रुप से कमजोर होकर गंभीर बिमारियों की चपेट में आ जा रहे है।
वही परिसर मे ही पशु अस्पताल होने के बाद भी गौवंशो का उचित इलाज ना होने से गौवंशो की लगातार मौत हो जा रही है। वही गौशाला मे नगर पंचायत के कर्मी नियुक्त होने के बाद भी गौशाला मे गौवंशों की मौत होना अधिकारियों की लापरवाही को सामने ला रही है और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से गौ संरक्षण योजना पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है और कुछ ही वर्षो मे गौ आश्रय केंद्र मे रखे गये लगभग दर्जनों गौवंशो की मौत हो चुकी है लेकिन दर्जनों गौवंशो की मौत के बाद भी भी आदर्श नगर पंचायत चकिया के अधिकारी गौ वंशो के रखरखाव को लेकर लापरवाह बने हुए है।
अब देखना है एक बार फिर गौवंश की मौत से नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी कोई ठोस पहल करते है या पुर्व की भांति गौ आश्रय केंद्र का निरीक्षण कर कोरमपुर्ती कर लेते है।
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