रिपोर्ट- मो तसलीम
चकिया(मीडिया टाइम्स)। शहाबगंज क्षेत्र के ग्राम मसोई में शंकट मोचन हनुमान मंदिर के वार्षिक श्रृंगार के उपलक्ष्य में मानस परिवार सेवा समिति द्वारा समायोजित 12वीं सात दिवसिय श्रीराम कथा महोत्सव का समापन बृहस्पतिवार को हुआ।
कथा में काशी के सुप्रसिद्ध कथा वाचक जगतगुरु अनन्तानन्द द्वाराचार्य डॉ रामकमल दास वेदांती महाराज द्वारा श्री भरत जी के चरित्र का वर्णन करते हुए भरत सरिश को राम सनेही, जग जप राम राम जय जेहि चौपाई के माध्यम से उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहते है कि जिस राम को सारा जगत अपना अराध्य व पूज्य मान का उनकी बंदना करते है वह राम श्री भरत जी को एक पल के लिए भी अपने हृदय से विस्तृत नहीं कर पाते। भरत जी के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भरत चरित्र की महिमा का वर्णन तो त्रिदेव ब्रहमा, विष्णु, महेश भी करने में अपने आप को असमर्थ पाते हैं। स्वामी जी ने बताया कि श्री भरत जी ने अपने बड़े भाई श्रीराम की चरण पादुका को चौदह वर्ष तक एवं उनका दास बनकर अयोध्या की प्रजा की सेवा की। स्वामी जी ने बताया यदि हमारे समाज के लोग भरत जी के चरित्र का अनुसरण करते हुए जीवन निर्वाह करने की कला सीख ले तो समाज में व्याप्त सभी प्रकार की क्लेश एवं वैमनस्यता का समाधान स्वत: हो जायेगा। स्वामी ने कहा राम चरित के मानस हमारे समाज को अनुसाशन तथा प्रेम के सद्भाव का संदेश देती है।
संकट मोचन हनुमान मंदिर के प्रांगण में मानस परिवार सेवा समिति मसोई" द्वारा समायोजि सप्त द्विसीय श्रीराम कथा को श्रवण करने के लिए आस-पास के क्षेत्र के भक्तजन एवं दूर दराज श्रोता जिसमें महिलायें बहुत बड़ी संख्या में उपस्थित होकर स्वामी जी के साथ वाराणसी से आये हुए संगीत कथा कलाकार भाइयों द्वारा गाये भजनों से आनंदित एवम् मंत्र मुग्ध हुए, कार्यक्रम में उपस्थित पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष छत्रबली सिंह ने मंच से जन समुदाय को संबोधित करते हुवे कहा महाराज जी के कथा कहने का उद्देश्य बस यही है की प्रभु श्रीराम जी के बनाएं गए रास्तों पे हम भी चले और उनके द्वारा बताए गए जीवन यापन का अनुसरण करें ,छोटा भाई बड़े भाई का कितना मान सम्मान करता था, देवर का भाभी के प्रति कितना सम्मान होता था बहन का भाई के प्रति कितना प्रेम व सम्मान होता था। भगवान राम को जब वनवास हो गया महाराजा भरत के पास पास राजगद्दी थी, लेकीन भाई के वियोग में जैसे उनके भाई जंगल में रहते थे उसी तरह मड़ई में रह कर चौकी पे सोकर अपना जीवन निर्वाह करते और मिट्टी के बर्तन में खाना खाया करते थे। अर्थात पहले के समय में भाई भाई में भाई के प्रति कितना प्रेम और सम्मान रहता था।
कथा में भाजपा जिलाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह, बाबिल उर्फ विजय शंकर सिंह, कुलदीप सिंह, मुन्नू सिंह, डॉ गीता शुक्ला, मिंटू पांडेय अरुण कुमार सिंह, बुल्लु सिंह, विकेश सिंह, रिट्टू सिंह, राजन पाण्डेय, मिन्टू पाण्डेय, ग्राम मंगल सिंह, सतीष सिंह, ग्राम प्रधान सहित सम्मानित एवं सहजन उपस्थित रहे।
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