वन विभाग के अधिकारियों के मिलीभगत की बताई बात
चकिया एक तरफ सुबे के मुखिया द्वारा लगातार दैनिक वेतन कर्मचारियों को लगातार भर्ती निकालकर रेगुलर भर्ती की जा रही है तो वहीं दूसरे तरफ वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के द्वारा नई नियुक्ति नए लोगों को कर दी जा रही है तथा दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी जो पहले से अपनी कार्य ड्यूटी कर रहे हैं उनको इसी तरीके से छोड़ दिया जा रहा है जबकि सरकार का सख्त निर्देश है कि जो दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है उनको नई नियुक्ति में पहले नियुक्ति और वरियता दी जाए लेकिन सरकार के इस निर्देश पर अधिकारी भारी पड़ते नजर आ रहा है।
वही त्रिवेणी प्रसाद जिला मंत्री के द्वारा बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा नियमों को बाकायदा चालू किया गया है और पांच प्रकार के प्रोफार्माओं को भरकर हर महीने कार्यालय पर भेजना होता है लेकिन क्षेत्रीय वन विभाग के दरोगा रेंजर समेत अधिकारियों की मिली भगत से दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी के लोगो का प्रोफार्मा पर जानकारी को सही तरीके से नहीं भरा जा रहा है वही अधिकारियों द्वारा अपने चहेते लोगों का उपस्थित 29 से 30 दिन का भरकर कार्यालय पर भेज दिया जा रहा है। वहीं सरकार के द्वारा सख्त निर्देश है कि पांच प्रकार के इन प्रोफार्माओं पर दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी का अधिकारियों द्वारा बाकायदा भरकर कार्यालय में भेजा जाए लेकिन सभी धांधली के द्वारा दैनिक वेतन कर्मचारियों का नियुक्ति नहीं हो पा रहा है।
वही समीम खान संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष द्वारा भी बाकायदा बताया गया कि हम लोग सन 1991 से ही इस लड़ाई को लेकर कई बार कोर्ट तक ले गए जहां पर हम लोगों की ही जीत हुई और कुछ लोगों को नियुक्ति के दौरान दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी को रखा गया लेकिन उसके बाद फिर से अधिकारियों की मिलीभगत से नियुक्ति में धांधली की जा रही है जिसको लेकर आज जिले के समस्त पदाधिकारी की उपस्थिति में प्रदर्शन करते हुए दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी के नियुक्ति के लिए आवाज उठाई गई और प्रदर्शन भी किया गया।
वही इस दौरान कहा गया कि अगर सुनवाई नहीं होती है तो हम अपने कर्मचारियों और दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के साथ आगे भी इस लड़ाई को लड़ेंगे तथा अपने दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के साथ अन्याय नहीं होने देंगे।
इस दौरान पूर्व अध्यक्ष मुरारी सिंह मौर्य, महासंघ के मण्डल अध्यक्ष कान्ता प्रसाद, मकसूद, लल्लु, अफरोज, मुक्सान, अध्यक्ष आदि दैनिक कर्मचारी मौजूद रहे।
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