मानक विहिन पैथालॉजी सेंटरो पर कार्यवाही करने मे असक्षम साबित हो रहे प्रभारी चिकित्साधिकारी चकिया, केवल कागजों में ही होती है कार्यवाही जमीनी स्तर पर पैथोलॉजी सेंटर वाले अधिकारियों को देते हैं चुनौती - Media Times

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Tuesday, August 29, 2023

मानक विहिन पैथालॉजी सेंटरो पर कार्यवाही करने मे असक्षम साबित हो रहे प्रभारी चिकित्साधिकारी चकिया, केवल कागजों में ही होती है कार्यवाही जमीनी स्तर पर पैथोलॉजी सेंटर वाले अधिकारियों को देते हैं चुनौती

चकिया। चन्दौली एक तरफ प्रदेश सरकार  के  द्वारा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य बिभाग के  जनपद के जिम्मेदार अधिकारियों को फरमान जारी किया गया है की किसी भी दशा मे  बगैर मानक के अस्पताल पैथालॉजी सेंटर ना संचालित किया जाए तथा तथा  प्रदेश सरकार के द्वारा हास्पिटल पैथोलॉजी सेंटर खोलने को लेकर  बाकायदा एक मानक तय किया गया है जिससे मरीजों का बेहतर तरीक़े से इलाज हो सके तथा  किसी भी मरीजों की जिंदगी के साथ जिंदगी के साथ खिलवाड़ ना हो सके तथा  प्रशिक्षित चिकित्सक तथा डिग्री वाले ही मरीजों का ईलाज जांच कर सके मगर प्रदेश सरकार के आदेश पर जमीनी स्तर पर बगैर मानक के धडल्ले से अवैध   पैथोलॉजी सेंटर संचालित करते हुए अप्रशिक्षितो  के हाथो सौप दी गयी है  और स्वास्थ्य बिभाग के जिम्मेदार  अधिकारी ही मानक विहीन अस्पतालों पैथोलॉजी सेंटरो पर कृपा द्वष्टि बनाए हुए है जिससे मरीजों की जिदंगी से लगातार खिलवाड हो रहा है तथा अप्रशिक्षित धडल्ले से पैथालॉजी सेंटर संचालित कर रहे है और जानकारी  के बाद भी प्रभारी चिकित्साधिकारी चकिया कुम्भकर्णी निद्रा मे सो रहे है।



दरअसल पुरा मामला चकिया नगर का है जहां  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चकिया के  समीप ही   धडल्ले से बगैर मानक विहीन  रेड क्लिप लैब के नाम से संचालित किया जा रहा है जहां पर खुलेआम अप्रशिक्षित नवयुवक  खुलेआम जांच करते हुए  मरीजों की जिंदगी के साथ लगातार खिलवाड़ करते नजर आ रहे है धडल्ले से मानक विहीन अवैध  पैथोलॉजी सेंटर संचालित करना स्वास्थ्य बिभाग के दावो को आइना दिखाता है   आपको बताते चले की जिला संयुक्त चिकित्सालय  चकिया मे बाहर की जांच लिखते ही दलालों के द्वारा अपने अपने पैथोलॉजी सेंटरो पर ले जाया जाता है तथा मरीजों का शोषण चालु हो जाता है मरीजों की लाचारी का फायदा उठाते हुए पैथालॉजी सेटरो पर रखे गये नवयुवक मरीजों के पहुचते ही 20 वर्ष से 25 तक के अप्रशिक्षित नवयुवक आसानी से  सभी प्रकार का जांच करना शुरू कर देते है जिससे मरीजों की जिदंगी के साथ लगातार खिलवाड़ हो रहा है।

 वही सुत्रो की माने तो बगैर मानक के अस्पताल पैथोलॉजी सेंटर संचालक करने वाले एक बंधी बधाई रकम स्वास्थ्य बिभाग को दे देते है जिससे बगैर मानक वाले पैथोलॉजी सेंटर पर कोई कार्यवाही नही हो पाती है जिससे मरीजों की जिंदगी अप्रशिक्षितो के हाथो सौप दी गयी है और जानकारी के बाद भी प्रभारी चिकित्साधिकारी चकिया कार्यवाही के नाम पर मौन नजर आ रहे है।

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