शहाबगंज। विकास खण्ड चकिया के कम्पोजिट विद्यालय भैसही पर कार्यरत महिला शिक्षामित्र सुचित्रा बहादुर 46 वर्ष पत्नी सूर्यभान सिंह समायोजन रदद् होने के कारण लम्बे समय से अवसाद में चल रहीं थीं। दस हजार के अल्प मानदेय में परिवार चलाने में आ रही परेशानियों को लेकर आहत थीं।जिससे छ: माह पहले उनको ब्रेन हैमरेज हो गया था तभी से इलाज चल रहा था।पैसे के अभाव में दवाईयां सही ढंग से नहीं चल पायीं।जिससे उनकी अचानक तबियत बिगड़ी और उन्होंने बीते शनिवार को अंतिम सांस ली।
जिसके लिए ब्लॉक संसाधन केन्द्र शहाबगंज पर एक शोक सभा आयोजित की गई जिसमें शिक्षामित्र संघ के मण्डल अध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि सरकार का ढुलमुल रवैया शिक्षामित्रों के लिए काल बनता जा रहा है।कहा कि सरकारें एक दूसरे पर दोषारोपण कर शिक्षामित्रों के उत्थान से मुंह मोड़ रहीं हैं,जो न्यायसंगत नहीं है।
वहीं ब्लॉक अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि विगत वर्षों में जिस भी पार्टी की सरकारें उत्तर प्रदेश में रहीं हम लोगों ने सबसे अपनी मांग रखीं।जिस पर सरकारें हम लोगों के लिए रास्ते बनातीं चलीं गयीं।
फिर 2017 के विधानसभा के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में हम लोगों को स्थान दिया और वादा किया कि हमारी सरकार बनने पर हम शिक्षामित्रों की समस्याओं का तीन महीने में न्यायोचित समाधान करेंगे लेकिन उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार दोबारा बनी लेकिन आज छ: वर्ष बीत गए अभी तक सरकार कोई कदम नहीं उठाई।
शोक सभा में नर्वदेश्वर मिश्रा,लालजी,बृजमोहन सिंह,सैयद यूनुस,बेचू राम,महेंद्र,मुकेश,जयप्रकाश,संतोष द्विवेदी,नागेन्द्र, विनोद,मालती, चन्दन, आलोक,नीरज,सीमा,बबीता,सरोज आदि शिक्षामित्र उपस्थित रहे।
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