चकिया (मीडिया टाइम्स)। बुद्धनगर कालोनी में एक निश्चित स्थान पर 1857 की वीरांगना ऊदा देवी पासी की शहादत दिवस पर गुरुवार चकिया में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस मौक़े पर आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष शैलेश कुमार ने कहा की 16 नवम्बर 1857 को गदर में अंग्रेजो से जंग लड़ते हुए ऊदा देवी शहादत पाई थी। उन्होंने कहा की वीरांगना ऊदा देवी पासी के त्याग और बालिदान को भुला नही जा सकता है।
इसके साथ ही कार्यक्रम में सम्मिलित समाजसेवी भानु प्रताप मौर्य ने कहा की देश को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने की उनके अंदर की ज्वाला ने अवध में क्रांति का बिगुल फूंका उससे अंग्रेजों की चूलें हिल गईं। पासी समाज की गौरव वीरांगना ऊदा देवी ने जाति संप्रदाय से ऊपर उठकर देशभक्ति का जो रंग दिखाया वह किसी महान योद्धा से कम नहीं था।
ऊदा देवी की कहानी ने आज़ादी की लड़ाई में दलितों और औरतों की भूमिका को रोशन किया है।
ये एक मिसाल भारत के गणतंत्र में असली गण की पहचान कराती है।
इस कार्यक्रम में गुरुदेव चौहान, डॉ. सुरेश, शैलेश, सुरेश, रितिक भारती, विकेश वर्मा आदि लोग सम्मलित रहे।
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