क्लर्क ने रेलकर्मियों के खाते बदलकर की करोड़ो की हेराफेरी,रेलवे का कर्मचारी सालों से कर रहा था खेल,आरपीएफ सिपाही के पीएफ का पैसा फंसा तो खुला पूरा मामला - Media Times

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Wednesday, November 22, 2023

क्लर्क ने रेलकर्मियों के खाते बदलकर की करोड़ो की हेराफेरी,रेलवे का कर्मचारी सालों से कर रहा था खेल,आरपीएफ सिपाही के पीएफ का पैसा फंसा तो खुला पूरा मामला

जनपद चंदौली की थाना मुगलसराय पुलिस ने किया राजफास,-पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में हुए काम से बची कईयों की कमाई,आरोपी कर्मचारी के पास हेराफेरी में प्रयुक्त प्रिंटर व मोबाइल बरामद

 

-मूलरूप से जनपद कानपुर नगर का रहने वाला है आरोपी कर्मचारी,-डी.आर.एम आफिस पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर चन्दौली में था तैनात



चन्दौली(मीडिया टाइम्स)।  रेलवेकर्मियों के एकाउंट से छेड़छाडकर उसकी जगह अपना और अपनी पत्नी का एकाउंट नंबर डालकर रेल कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई में हेराफेरी करने वाले रेलवे विभाग के कर्मचारी को जनपद चन्दौली के थाना मुगलसराय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरपीएफ सिपाही के फंड का पैसा दूसरे के खाते में जाने से पूरा मामला पकड़ में आया। पुलिस अधीक्षक डॉ0 अनिल कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द राजफास करने के निर्देश दिये थे। थाना मुगलसराय पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके मामले के गहनता से जांच व पूछताछ शुरू कर दी है। अब तक की जांच में करोड़ो की हेराफेरी होने की आशंका जताई जा रही है। 



आरपीएफ सिपाही का पैसा फंसा तो खुला राज-

 हरिनारायण राम सहायक सुरक्षा आयुक्त/रेलवे सुरक्षा बल पीडीडीयू नगर मुगलसराय द्वारा थाना मुगलसराय पर दिनांक 01.11.2023 को लिखित सूचना दिया गया कि आरक्षी मो0 मुजीब द्वारा पीएफ खाते से 17.10.2023 को 92000/- रुपया निकासी हेतु आवेदन बिलिंग क्लर्क को प्रार्थना पत्र दिया था जो दिनांक 17.10.23 को ही मुख्यालय हाजीपुर अग्रसारित हो गया एवम् दिनांक 17.10.23 को उक्त धनराशि आवटित कर दी गयी  जो मो0 मुजीब के खाते में नहीं आया तो 19.10.23 को कार्यालय अधीक्षक के यहाँ से जानकारी की गयी तो ज्ञात हुआ कि उक्त धनराशि दिनांक 17.10.23 को ही आवेदक के खाते में भेज दिया गया है। किन्तु अभियुक्त युवराज सिंह द्वारा मो0 मुजीब के खाते के स्थान पर  अपनी पत्नी नीतू का खाता दर्ज किया था जिससे उक्त धनराशि उसकी पत्नी के खाते में चला गया और अभियुक्त द्वारा अपनी पत्नी के खाते से मो0 मुजीब के खाते में ट्रान्सफर नहीं कर पाया ।बैंक से पे-स्लीप निकलवाने पर उक्त सभी गबन की जानकारी हुई । जिसके आधार पर उक्त अभियोग पंजीकृत हुआ।  अब तक की विवेचना से 36191217 /- रुपया अभियुक्त द्वारा  अधिकारी/कर्मचारी गण का अपने व अपने पत्नी के खाते में पैसा ट्रान्सफर करना पाया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक चन्दौली डा0 अनिल कुमार के निर्देशन पर मुकदमा पंजीकृत करके जब मामले की गहनता से जांच शुरू हुई तो मुगलसराय पुलिस टीम ने मु0अ0स0 362/2023 धारा 409 भादवि थाना मुगलसराय जिला चन्दौली में वांछित अभियुक्त युवराज सिंह पुत्र राजाराम उम्र करीब 38 वर्ष निवासी ग्राम बेरी खेड़ा थाना साढ़ जिला कानपुर नगर हाल पता डी.आर.एम आफिस को हरिशंकरपुर मोड़ से अभियुक्त उपरोक्त को गिरफ्तार कर लिया गया।


पूछताछ में हुआ चौंकाने वाला खुलासा-

अभियुक्त युवराज सिंह पुत्र राजाराम सिंह द्वारा बताया गया कि मै 2006 में आरपीएफ में आरक्षी के पद पर नियुक्त हुआ था । बाद में मेडिकल अनफीट होने के कारण 2017 में क्लर्क के पद पर नियुक्त हो गया। मेरे द्वारा क्लर्क के रुप में आरपीएफ के अधिकारी कर्म.गण का वेतन बनाया जाता था। मेरे सेक्सन में मेरे ऊपर एल 2, मुख्य कार्यालय अधीक्षक एवम् एल 3 , सहायक सुरक्षा आयुक्त थे। जिनके द्वारा मेरे द्वारा बनाये गये बिलो का जाँच करने के पश्चात आंकिक शाखा में बिल जाता था। वहाँ पर भी एल 1 अधिकारी ,सहायक आंकिक एल 2 अधिकारी सेक्शन आफिसर द्वारा चेक करने के पश्चात एल 3 अधिकारी ,सहायक मण्डल वित्त प्रबन्धक द्वारा बिल को पास कर पेमेन्ट किया जाता था। उसके बाद सम्बन्धित के खाते में पैसा चला जाता था। साहब वर्ष 2016 में AIMS (ACCOUNTING INFORMATION MANAGEMENT SYSTEM ) साफ्टवेयर आया जिसमें मै किसी कर्मचारी का पैसा ज्यादा भरकर लगा देता था तो उसे कोई पकड़ नहीं पाता था और इसी सिस्टम के माध्यम से सम्बन्धित कर्मचारी को खाते में अंकित खाता नम्बर को बदलकर अपनी पत्नी अथवा अपना खाता नम्बर डाल देता था और वह पैसा हमारे/हमारे पत्नी के खाते में चला जाता था और जो सम्बन्धित कर्मचारी का उचित धनराशी होता था  उसे अपने खाते से उसके खाते में पैसा ट्रान्सफर कर देता था जिससे उस कर्मचारी को पता नहीं चल पाता था और न ही हमारे ऊपर के अधिकारी इस बात को पकड़ पाते थे। इस धन का उपयोग मेरी पत्नी व साडु मनोज कुमार द्वारा गाड़ी, भूमि खरिदने एवम् शराब के व्यवसाय व अन्य कामो किया जाता था। हम जानते थे कि यह मामला पकड़ में नहीं आयेगा। किन्तु आरक्षी मुजीब द्वारा पीएफ भरा गया था जिसका धन स्वीकृत होकर उसके खाते में न जाकर मेरे पत्नी नीतू के खाते में चला गया और मै उस धन को उसके खाते में ट्रान्सफर नहीं कर पाया । जिसकी शिकायत होने पर यह मामला खुल गया । मेरे द्वारा करोड़ो रुपया का गबन किया गया। हाईकोर्ट का फर्जी आदेश बनाकर भी मेरे द्वारा 08 अधिकारी/कर्मचारी गण का 02 करोड़ रुपया पास करने की कार्यवाही की गयी है।मेरे द्वारा उक्त रुपयो से गाड़ी ,भूमि आदि क्रय किया गया है एवम् पत्नी के नाम शराब व्यवसाय में पैसा लगाया गया है।


 

  

इस गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक दीन दयाल पाण्डेय थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली, सर्विलांस श्यामजी यादव मय टीम, स्वॉट शैलेन्द्र प्रताप सिंह मय टीम, जनक सिंह थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली, सतीश प्रकाश थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली, आलोक सिंह थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली, अशोक राय थाना मुगलसराय जनपद चन्दौली उपस्थित रहे।

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