चंदौली ( मीडिया टाइम्स )। खाकी और कलमकार के बीच सामंजस्य स्थापित ना हो तो बड़े आंदोलन का रुख अख्तियार कर लेती है। एक सिक्के के चट्टे - बट्टे के बीच यह घींच और तनाव सभ्य समाज के परिचायक नहीं बनते, लेकिन कुछ खाकी के मनबढ़ और लुटखोरी में लिप्त कर्मियों का भुगतान पूरी खाकी महकमें पर दाग दे जाती है।
ताजा मामला जनपद चंदौली के पीडीडीयू नगर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत चकिया चौराहे से जुड़ा है। रविवार की शाम ' सड़क पर चढ़ेगा शुरूर तो जेल जाओगे जरूर ' अभियान का जीता जागता दृश्य कैमरे में कैद करना पत्रकार को महंगा पड़ा।
बता दें कि चकिया चौराहे के पुलिस बूथ के समीप तीन शराबियों का उत्पात और आपसी गुत्थम गुत्था का दृश्य कैमरे में कैद कर रहे पत्रकार का मोबाइल पुलिस पिकेट पर तैनात मनबढ़ सिपाही आलोक सिंह द्वारा छीन लिया गया, साथ ही पत्रकार अशोक कुमार जायसवाल के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार अमल में लाया गया। इस दौरान उक्त सिपाही द्वारा शराबियों के ऊपर जमकर डंडे भी बरसाए गए।
पत्रकार अशोक ने सिपाही के कृत्य और मोबाइल छीनने की घटना के बाबत संसदवाणी न्यूज चैनल के ब्यूरो को बताई तो ब्यूरो ने घटना के वीडियो के साथ टेक्स्ट मैसेज लिखकर, एसपी को फोन कर मामले से अवगत कराया। हालांकि इस दौरान एसपी चंदौली ने आरोपी सिपाही के खिलाफ कार्रवाई की बात कही, लेकिन मामले के बारह घंटे बीत जाने के बाद भी अभद्र सिपाही के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई।
निर्ममता से पिटाई का अधिकार किसने दिया...
पत्रकार से दुर्व्यवहार और मोबाइल छीन पटक देने के बाद सिपाही आलोक सिंह बस यहीं तक सीमित नहीं रहा। उसने खाकी के रौब में उत्पात मचा रहे शराबियों को निर्ममता से लठ से धो डाला। अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर शराबियों को इस कदर सरेराह पीटने का अधिकार सिपाही को किसने दिया और यह कहां तक न्यायसंगत है। जबकि चंदौली एसपी के निर्देशन में संचालित अभियान ' सड़क पर चढ़ेगा शुरूर तो जेल जाओगे जरूर ' के तहत जागरूक करने और 34 IPC के तहत कार्रवाई अमल में लाने की कवायद करनी है। इतने सख्त निर्देश के बावजूद शराबियों के ऊपर डंडे बरसाना सिपाही की मानवता का धोतक है।
कार्रवाई का मात्र आश्वासन देते हैं चंदौली के अधिकारी...
विदित हो कि संसदवाणी न्यूज के संवाददाता अशोक कुमार जायसवाल मीडिया फाउंडेशन मंडल अध्यक्ष वाराणसी स्वतंत्र मीडिया क्लब प्रचार प्रसारक से मनबढ़ सिपाही आलोक सिंह द्वारा अभद्रता और मोबाइल छीन पटक देने के मामले में शिकायत के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाए जाना, पुलिस महकमें के उच्चाधिकारियों की उदासीनता का परिचायक है। मूक दर्शक बना खाकी महकमा सिपाही के कृत्यों पर पर्दा डालने के प्रयास में जुटा हुआ है। जबकि उक्त सिपाही द्वारा अवैध वसूली से लेकर ग्रामीणों का मोबाइल छीन अपने पास रखने का आरोप पूर्व में भी लग चुका है। सिपाही आलोक सिंह द्वारा अवैध वसूली का यह खेल चकिया चौराहे पर अपने कारखास यादव द्वारा खेला जाता है।
हालांकि सिपाही आलोक सिंह के इस करतूत की वजह से पत्रकार भारती मीडिया फाउंडेशन संगठन स्वतंत्र मीडिया क्लब के सदस्यों में काफी रोष व्याप्त है। संगठन के सदस्यों ने कई बार एसपी को फोन कर मामले से अवगत कराया लेकिन एसपी ने सिर्फ कार्रवाई का आश्वासन ही दिया। संगठन के बैनर तले पत्रकारों का हुजूम सोमवार को एसपी कार्यालय पहुंचा तो एसपी साहब नहीं मिले। एसपी के निर्देश पर समकक्ष अधिकारी ने पत्रक लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया। हालांकि इस दौरान एसपी ने फोन पर वार्ता कर जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन एक बार पुनः दिया है। इस बाबत पीड़ित पत्रकार अशोक जायसवाल ने बताया कि एसपी ने कार्रवाई की बात कही है, यदि उचित कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाती और पत्रकारों का उत्पीड़न नहीं रुकता तो पत्रकारो का हुजूम बड़े आंदोलन को बाध्य होगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी चंदौली पुलिस महकमें की होगी।अब देखना लाजिमी होगा कि आखिरकार अभद्र सिपाही के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई अमल में लाई जाती है या मामले को ठंडे बस्ते में डालकर एक बार फिर खाकी और कलमकार के बीच तनाव का माहौल कायम होता है।
अशोक कुमार जायसवाल मंडल अध्यक्ष वाराणसी भारतीय मीडिया फाउंडेशन जिला संवाददाता सांसद वाणी प्रताप नारायण चौबे प्रदेश उपाध्यक्ष स्वतंत्र मीडिया क्लब के संस्थापक डॉ साजिद अंसारी , कुमार नद जिला चेयरमैन , अजीत कुमार जिला उपाध्यक्ष , संजीव कुमार मंडल उपाध्यक्ष विजय कुमार, इकबाल हुसैन, मनमोहन कुमार, निखिल श्रीवास्तव, ओपी श्रीवास्तव सांसद वाणी के ब्यूरो चीफ।
No comments:
Post a Comment