चकिया(मीडिया टाइम्स)। चकिया विकासखंड के बसनिया गांव में आग लगने से किसानों का सैकड़ो बीघा गेंहू जलकर खाक हो गया , आग लगने की सूचना होने के बावजूद भी बबुरी पुलिस एवं अग्निशमन विभाग लगभग 2 घण्टे बाद घटनास्थल पर पहुंची ,तबतक ग्रामीणों ने आग पर काबू पा लिया था।
ग्रामीणों की सूझबूझ से बड़ा हादसा टला :
आग का केन्द्र बसनिया का सिवान ,उससे सटा पम्हटी और भटरौल के सीमा तक आग की लपटें तेज हवा के झोंको से पहुंच गई थी ,लेकिन भटरौल ,बसनिया, और पम्हटी के ग्रामीणों की सजगता के कारण किसी तरह आग पर काबू पाया गया ,अन्यथा किसी बड़े हादसे से इनकार नही किया जा सकता था।
समय से नही मिली इमरजेंसी और अग्निशमन बल की मदद :
यूपी सरकार किसानों के मामले में सजगता के भले दावे कर ले लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है , चकिया विकासखंड के बसनिया गांव में आग लगने से एक तरफ अफरा-तफरी का माहौल था ,तो दूसरी तरफ बार-बार सूचना के बावजूद ना तो स्थानीय थाना बबुरी से कोई मदद पहुंची और ना ही अग्निशमन बल तत्काल पहुंच पाया , बल्कि किसानों एवं ग्रामीणों ने झाड़ ,झुरमुट उखाड़कर खुद ही आग के लपटों के बीच कूदकर किसी तरह आग बुझाने लगे , इसके लगभग 1 घण्टे बाद जब एसडीएम चकिया कुंदन राज कपूर को मामले से अवगत कराया गया तो उन्होंने तत्काल फायर ब्रिगेड भेजने की बात कही ,हालांकि आगलगी के 2 घण्टे बाद फायर ब्रिगेड की गाड़ी लेकर बबुरी पुलिस पहुंची तबतक आग पर ग्रामीणों द्वारा काबू पा लिया गया था।
इन किसानों का फसल जलकर हुआ खाक :
बसनिया गांव में शिवाजी यादव, सियाराम यादव,रामजी यादव ,लक्ष्मण यादव, कन्हैया पाठक,बैकुंठ पाठक,राममूरत मौर्य, रामआसरे मौर्य, रामसूरत मौर्य, निर्मला देवी ,रमाशंकर मौर्य, श्रीकांत पाठक,उमाकांत पाठक की खड़ी गेंहू की फसल जलकर खाक हो गई।
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