बंधुआ मजदूर समझते हैं अधिकारी- मुरारी मौर्य
21 जून से अनिश्चितकालीन धरना
नौगढ़। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को विनियमितिकरण के मामले में वन विभाग के अधिकारियों के हठ और उनकी हीलाहवाली से नाराज काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर के दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के सदस्यों ने संयोजक भोरिक यादव के नेतृत्व में रविवार को कस्बा स्थित दुर्गा मंदिर के चबूतरे पर प्रदर्शन कर नारेबाजी किया।
साथ ही डीएफओ रामनगर के खिलाफ नारेबाजी की। चेताया कि पांच सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 21 जून से जयमोंहनी रेंज कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इस मौके मुख्य अतिथी संघ के सलाहकार रमाशंकर यादव ने कहा कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों का विनियमितीकरण नहीं होने से उनके काम की, सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। इनके ऊपर हमेशा नौकरी का संकट होता है।
कभी भी नौकरी से निकाले जाने का खतरा बना रहता है। अगर प्रदेश के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रेगुलर कर दिए जाए तो यह संकट और डर खत्म हो जाएगा। वन कर्मचारी संघ के पूर्व जिलाध्यक्ष विश्वनाथ यादव ने वर्दी, बिल्ला और कैश बुक आइटम संख्या सूचीबद्ध करने के लिए आयोग ने 17 मई 2019 को प्रमुख वन संरक्षक विभागाध्यक्ष एवं सचिव को निर्देश दिया है।
बावजूद इसके कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है। कहा कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के कार्यों का विवरण मुहैया कराकर उनके विनियमितीकरण करने या समान कार्य-समान वेतन दिए जाने के निर्देश पर भी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के वरिष्ठ नेता मुरारी मौर्य ने कहा कि वन विभाग के अधिकारी दैनिक श्रमिकों को बंधुआ मजदूर समझते हैं।
संचालन रामरतन चौहान ने किया। इस मौके पर मुरारी मौर्य, जै श्री प्रसाद, शिवकुमार विश्वकर्मा, अफरोज खान, कांता यादव, रामखेलावन, महेंद्र, बेचू, मंजू, कलावती, गोल्डी, उषा समेत विभिन्न रेंजों के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी उपस्थित थे।
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