अधिक वृक्ष लगाने की योजनाएं चलाई जा रही है।
वहीं दूसरी ओर जिनके कंधों पर रक्षक बनकर वृक्षों को बचाने की जिम्मेदारी है, वहीं अधिकारी अब भक्षक बन कर अपने ही विभाग के पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलवा रहे है।
जी हां आपको बता दे कि अभी ताजा मामला चकिया के शिकारगंज के गांव गनेशपुर में देखने को मिला जिस बीच बताया गया की वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा 2 हजार लेकर आम का हरे पेड़ कटवाते है।
वीडियो में ठेकेदार द्वारा बताया गया की शिकारगंज क्षेत्रीय चौकी पर देते है पैसे। जिसमे की विभागी कर्मचारियों का नाम साफ शब्दों में सुनने को देखा जा सकता है।
आपको बता दे कि ऐसा यह पहली बार नहीं हुआ है ऐसा हर बार शिकारगंज क्षेत्र के चंद्रप्रभा रेंज के कर्मचारी द्वारा हर आए दिन इसी तरह के नए-नए कारनामे करते रहते हैं और अपने भ्रष्ट करतूत सामने खनन माफीआओ और लकड़ी कसाइयों द्वारा मिलकर लगातार अवैध कामों को अंजाम देते रहते हैं।
सूत्रों की माने तो लंबे समय से तैनात इन शिकारगंज क्षेत्र के चंद्रप्रभा रेंज में तैनात कर्मचारी द्वारा मठाधीशों की तरह गढ़ बना लिए हैं जिसको लेकर यह लोग हमेशा अवैध खनन माफियाओं से साथ सांठ गाठ करके भ्रष्ट कार्यों को अंजाम देते रहते हैं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी:-
जब इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी दिलीप श्रीवास्तव से बात की गयी तो उनके द्वारा केवल सांत्वना दिया गया कि मामले को जांच किया जाएगा और गलत पाया जाएगा तो कार्यवाही किया जाएगा।
वहीं अब देखना यह है कि मामले का उजागर होने के बाद इस संबंध में भ्रष्टाचार अधिकारियों पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा क्या करवाई किया जाता है या मामले को ठंदे बस्ते में डाल दिया जाता है।
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