गौ माता चलते फिरते मंदिर हैं जिनमें सभी देवताओं का वास-शरण दास जी महाराज
चकिया/चन्दौली। मां वनदेवी के प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में महाराज जी ने गोपाष्टमी के पावन अवसर पर गौ महिमा का विशेष वर्णन किया सभी भक्तों को गौ सेवा का संदेश देते हुए महाराज जी ने कहा कि गौ माता धर्म का आधार है गौ माता चलते फिरते मंदिर है जिनमें सभी देवताओं का वास होता है गौ माता की सेवा से सभी देवी देवताओं की सेवा हो जाती है भगवान कृष्ण ने भी गौ माता की विशेष सेवा करके संसार को यह संदेश दिया कि गौ माता भगवान की भी आराध्या है और पूजनीय है गौ माता की सेवा के कारण है भगवान का नाम गोपाल पड़ा आज गौ माता की दयनीय दशा पर महाराज जी ने पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि जो गौ माता हमें दूध देती है हमें निरोग काया प्रदान करती हैं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करती हैं आज वह गौ माता सड़कों पर भर्ती हुई मिलती है और उनकी यह दुर्दशा देख कर के बहुत पीड़ा होती है हम सभी सनातनी यों का यह दायित्व है कि गांव ब्राह्मण और अपने धर्म की रक्षा एवं सम्मान करें गोपाष्टमी के दिन ही भगवान कृष्ण ने गोचर लीला प्रारंभ की थी और भगवान ने गाय चराना प्रारंभ किया था यह पावन अवसर पर सभी को गौ सेवा अवश्य करनी चाहिए
महावीर सेवा समिति द्वारा आयोजित भागवत कथा की आठवीं निशा पर आयोजक मंडल के ओम प्रकाश पांडे धन्नु प्रजापति राकेश सोनकर डॉक्टर ओम प्रकाश शर्मा सुनील रस्तोगी हरमन्यू सोनकर डॉ प्रदीप मौर्या अवधेश मिस्त्री प्रमोद यादव मड़ई पर फेकू यादव झन्ना पटेल कैलाश पटेल घुरहू विश्वकर्मा गुलाब पाठक बल्ली पाल सहित सैकड़ों भागवत कथा प्रेम उपस्थित थे कार्यक्रम का संचालन राजेश विश्वकर्मा उर्फ राजू कवि ने किया
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