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Monday, January 30, 2023

जिले में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता का शुभारंभ 13 फरवरी तक चलेगा अभियान  

चंदौली- 30 जनवरी 2023 पंडित कमलापति त्रिपाठी संयुक्त चिकित्सालय में सोमवार को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर कुष्ठ निवारण दिवस मनाया गया। इसके साथ ही जनपद में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान का शुभारम्भ किया गया। यह अभियान आज 30 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी तक चलाया जाएगा। 


इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने कुष्ठ रोग से प्रभावित लोगों को कम्बल, मेडिकल किट, फल आदि का वितरित किये।



उन्होंने कहा कि अभियान के अंतर्गत जिले में विभिन्न आयोजन किए जाएंगे जिससे लोगो में कुष्ठ के प्रति जागरूकता आ सके।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ रमेश प्रसाद ने बताया कि अभियान के तहत 1966 टीम शहरी एवं देहात क्षेत्रों में घर-घर जाकर संभावित मरीजों को कुष्ठ रोग के प्रति जागरूक करेंगी। जांच में कुष्ठ रोग की पुष्टि होने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से परामर्श व दवा की सुविधा दी जाएगी। 



यह दवा प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भी उपलब्ध है। अभियान के तहत आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान कर उन्हें इलाज के लिए जागरूक करेंगी। डॉ रमेश ने बताया कि आमजन कैसे करे पहचान रोग के लक्षण की जैसे-

1-त्वचा पर हल्के रंग का समतल या उभरा हुआ दाग या ताम्बे के रंग का दाग|

2-त्वचा का वह दाग जिसमें सुन्नपन हो।

3-दाग चकत्ता जिसमें पसीना न आता हो।

4-हाथ पैर के नसों में मोटापन, सूजन तथा झनझनाहट।

5-हाथ और पैर के तलवे में सुन्नपन।

6-हाथ पैर में अपने आप छालों का पड़ना।

7-चेहरा, शरीर तथा कान पर गांठ।

8-घाव जिसमें दर्द न होता हो।

9-घाव जो इलाज के बाद ठीक न होता हो।

10-हाथ पैर की अंगुलियों में टेढ़ापन।

11-हाथ और पैर से पूरी क्षमता से काम न होना।

जिला पर्यवेक्षक अधिकारी डॉ तपेश्वर राम ने बताया कि अप्रैल 2022 से जिले में कुल 156 मरीज इलाज पर रखें गए है, जिसमें दिसंबर 2022 तक 114 मरीज ठीक हो चुके हैं। किसी भी लक्षण का पता चलने पर तुरंत अपने निकटतम अस्पताल जाकर जांच कराएं। साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में जांच, इलाज एवं परामर्श व दवा दी की सुविधा दी जाती है। साथ ही कुष्ठ दिव्यांग रोगियों को प्रतिमाह 3000 रुपये पेंशन दी जाती है और नि:शुल्क सर्जरी की जाती है। सर्जरी के उपरांत 8000 रुपये मानदेय भी दिया जाता हैं। कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए नये कुष्ठ रोगियों की खोज पर 250 रुपये एवं नये कुष्ठ दिव्यांग रोगियों पर 200 रुपये लाने वाले व्यक्ति को दिया जाता है।



जिला पर्यवेक्षक तपेश्वर राम ने बताया कि अब भी समाज में कुष्ठ रोग के प्रति गलत धारणा है। जिसको दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। कुष्ठ रोग बैक्टीरिया के कारण होता है। कोई पूर्व जन्म का पाप या अभिशाप नहीं है। यह बीमारी का समय रहते इलाज करने से पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है साथ ही दवा की दो खुराक से कुष्ठ रोग से प्रभावितों के निकट संपर्क में रहने वालों को खिलाई जायेगी, जिससे उनमें कुष्ठ रोग की सम्भावना समाप्त हो सके और नये मरीजों की संख्या में कमी आ सके।



इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिक्षिका डॉ उर्मिला सिंह, एसीएमओ डॉ अमित दुवे, एडीएमओ राजीव सिंह, डॉ पीपी उपध्याय, रामजनम विश्वकर्मा, राधे श्याम राम एवं विभाग के समस्त कर्मचारी उपस्थित रहें।

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