चकिया(मीडिया टाइम्स)। प्रदेश सरकार के द्वारा जहा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाए उपलब्ध कराने क़ो लेकर लाखो रुपये पानी की तरह खर्च करते हुए निंशुल्क दवा जांच एम्बुलेंस जैसी महत्त्वपूर्ण सुविधाओं को उपलब्ध करा रही है।
जिसका प्रमुख उदेश्य था की ग्रामीण क्षेत्रों मे भी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सके लेकिन प्रदेश सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ती नजर आ रही है, तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों की वजह से सरकार की किरकिरी होती नजर आ रही है।
आपको बताते चले चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय मे प्रतिदिन दुरस्थ पहाड़ी क्षेत्र का अस्पताल होने के कारण प्रतिदिन चन्दौली जनपद के दुरस्थ गांवो समेत बिहार से भी मरीजों का आना लगा रहता है, प्रतिदिन मरीज जांच कराते है लेकिन हास्पिटल खुलने के दो घंटों बाद भी डिजिटल एक्सरे कक्ष बंद होने के कारण कई मरीज बैरंग वापस लौट गये या तो निजी अस्पतालों मे जांच कराये मरीजों ने जनपद के अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए समय से एक्सरे कक्ष खुलवाने की मांग उठाई है।
वही एक्सरे कराए आने वाले मरीजों से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि हम लोग सुबह 8:00 बजे ही आकर भीड़ से बचने के लिए एक्सरे के पास बैठे हुए हैं लेकिन 2 घंटे होने के बाद भी एक्सरे सेंटर के कर्मचारियों का पता नहीं है।
वही जब इस बाबत पर सी एम यस अजय कुमार गौतम से चर्चा की गई तो उनके द्वारा एक्सरे मशीन खराब होने की बात बताई गई। मुद्दे की बात यह है कि 2 घंटे बाद एक्सरे सेंटर के कर्मचारी आते हैं और एक्सरे सेंटर खोलते हुए लोगों का एक्सरे करना प्रारंभ करते हैं।
वहीं एक तरफ प्रदेश सरकार के द्वारा स्वास्थ्य विभाग की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाओं को लागू और सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं लेकिन कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही से शासन के निर्देशों को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।
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