शहाबगंज।शहीद आलोक राव ने 10 मई को हुए नक्सलियों से मुठभेड़ के तीन घण्टे पहले अपनी माँ,पिता व दोनों बहनों से कॉफी बात की थी।माँ माया देवी ने बताया कि बात के दौरान बताया कि माँ हम लोंगो को उग्रवादियों ने घेर लिया है।बहन वंदना ने बताया कि 10 मई को सुबह भाई ने फोन कर बताया कि हम लोग पहाड़ी पर चढ़ रहे हैं।
बहन ज्योति ने बताया कि भाई ने फोन कर हमें बताया कि बहन हम लोग उग्रवादियों से घिर गए हैं।तो हम लोगों ने भाई का हौशला बढ़ाए।पिता विजय कुमार ने बताया कि मेरे बड़े बेटे अतुल पर फोन आया कि आलोक को गोली लग गयी है तो जब हमने बात किया तो मेरा बेटा बोला कि पापा हमें गोली लग गयी है।इसके बाद हम मणिपुर पहुंचे जहां मणिपुर में आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था इसके बाद 12 मई को कोलकाता कमांड हॉस्पिटल में रेफर कर दिया गया।जहां इलाज के दौरान 17 मई को रात्रि में बेटा ने दुनिया छोड़ दी।इन लोगों ने बताया कि प्रतिदिन आलोक सुबह माता-पिता व बहनों से घण्टों बात करता था।
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