नौगढ (मीडिया टाइम्स)। सरकार के लाख प्रयास के बाद भी बेसिक शिक्षा विभाग द्रारा संचालित विद्मालयों मे शिक्षा व्यवस्था नहीं सुधर पा रही है।
गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) नौगढ मे नियुक्त शिक्षामित्रों को ड्यूटी से नदारद रहने के साथ ही मिड डे मील के तहत बनाए गए भोजन का स्वाद गुरूजी को रास नहीं आने की शिकायत ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी आलोक कुमार से करके जांच कराने का अनुरोध किया है।
वहीं गैर राज्य बिहार की सरहद के समीप क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय शाहपुर मे नियुक्त प्रधानाध्यापक शनि कुमार को लगातार 3 दिनों से बिना किसी सूचना के विद्मालय से गायब रहने की भी शिकायत गांववासियों ने अधिकारियों से करके अपने पाल्यो की शिक्षा पर पड़ रहे कुप्रभाव का ब्यथा से अवगत कराया है।
स-समय ड्यूटी नहीं करने के आरोप प्रत्यारोप मे बीते माह प्राथमिक विद्यालय कुबराडीह मे प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षामित्र के बीच जमकर हाथापाई हो गई।
जिसकी जानकारी मिलते ही चकरघट्टा थाना पुलिस ने तत्काल प्रभारी प्रधानाध्यापक व शिक्षामित्र को गिरफ्तार कर विधिक कार्यवाही किया था।
प्राथमिक विद्यालय(अंग्रेजी माध्यम)नौगढ मे नियुक्त शिक्षामित्रों की ब्याप्त मनमानी बदस्तूर जारी है।
अभी बीते शनिवार को उपजिलाधिकारी आलोक कुमार ने उक्त विद्मालय का औचक निरीक्षण कर शिक्षा मित्र रामकेश यादव को 2 दिनों से बिना किसी सूचना के व शिक्षा मित्र शोभा केशरी को उपस्थिति पंजिका मे हस्ताक्षर बनाकर नदारत रहने पर कार्यवाही करने का निर्देश खण्ड शिक्षा अधिकारी को दिया था।
बुद्धवार को भी शिक्षा मित्रों को गायब रहने की शिकायत उपजिलाधिकारी से करके फोटो/वीडियो प्रेषित कर ग्रामीणों ने बताया था कि मध्यान्ह भोजन योजना के मीनू के अनुरूप विद्मालय मे बने तहरी का स्वाद गुरूजी को रास नहीं आने से रसोइया पराठा सब्जी बनाकर गुरूजी को थाली में परोस रही हैं।
खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में आसीन कंपोजिट विद्मालय बाघीं मे भी शिक्षको/शिक्षामित्रों को आए दिन नदारद रहने की खबर रहती है।
जिसे देख भी शिक्षा अधिकारी मूकदर्शक बने रहते हैं।
सांसद प्रतिनिधि रमेश कुमार ने बताया कि क्षेत्र के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों मे नियुक्त शिक्षकों/शिक्षामित्रों की ब्याप्त मनमानी से शिक्षणार्थियो की शिक्षा पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
वहीं कुछ विद्मालयों मे नियुक्त कई शिक्षक जो कि महीने में कभी कभार ही अपने नियुक्ति स्थल पर मौजूद रहते हैं।
जिसे देख अनेकों शिक्षामित्र भी अपने कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वहन करने से परहेज कर रहे हैं।
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