चंदौली ( मीडिया टाइम्स )। एकदिवसीय गुणवत्ता सुधार एवं संवेदीकरण प्रकशिन कार्यशाला आयोजित किया गया।
जनपद के सभी समुदाय एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला अस्पताल के एसएलटी, एलटी,एलए को संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार, चिकनगुनिया आदि की रोकथाम, नियंत्रण, निगरानी व प्रभावी कार्रवाई करने किए स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया।
जिसमें एंटोमोलॉजिकल (कीट विज्ञान) सर्विलान्स प्रशिक्षण में वरिष्ठ प्रयोगशाला पी आर गिरी,राम वचन,संजय जायसवाल,डब्ल्यूएचओ के जोनल कॉर्डिनेटर डॉ मंजीत चौधरी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय, मलेरिया अधिकारी पी के शुक्ला, सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया। एंटोमोलॉजिस्ट व बायोलॉजिस्ट डॉ अमित कुमार सिंह ने प्रशिक्षण दिया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने कहा कि इस दौरान जिले के मलेरिया इंस्पेक्टर, फाइलेरिया इंस्पेक्टर, हेल्थ सुपरवाइजर, एवं समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी अपने-अपने ब्लॉक में स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करें। इसके साथ ही वेक्टर जनित बीमारियों के नियंत्रण व रोकथाम के लिए प्रभावी कार्रवाई की जाए। जिससे वेक्टर जनित रोग नियंत्रण आधारित गतिविधियों पर विशेष ज़ोर दिया जाए। साथ ही कांट्रेक्ट ट्रेसिंग पर ध्यान दिया जाए। चिकित्सालयों में भर्ती मरीजों को लगातार ट्रैक किया जाए।
एंटोमोलॉजिस्ट डॉ अमिता कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वेक्टर जनित लार्वा उन्मूलन के लिए गतिविधियों और संचरण काल की पूर्व तैयारियों को पूरा करना और उसके सापेक्ष प्रभावी कार्रवाई करना है। प्रशिक्षण में सभी जनपदों को वेक्टर सर्विलान्स के लिए टीम गठित करने का निर्देश भी दिया गया। डॉ अमित ने वेक्टर जनित सभी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार आदि के कारण, पहचान, लक्षण, जांच, उपचार और बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के सापेक्ष वर्तमान में मच्छर जनित रोग के संचरण काल के दृष्टिगत जनपद में डेंगू,मलेरिया, फाइलेरिया आदि अन्य बीमारियों के प्रभावित क्षेत्रों (हॉट स्पॉट जॉन) में एंटोमोलॉजिकल सर्विलांस कार्य जैसे मच्छरों का घनत्व एवं बुखार से ग्रसित रोगियों की सूचना एवं स्क्रीनिंग कार्य किया जाना आवश्यक है।
डब्ल्यूएचओ के जोनल कॉर्डिनेटर डॉ मंजीत चौधरी ने कहा कि
- घरों के आसपास जल जमाव न होने दें।
- छत पर एवं घर के अंदर निष्प्रयोज्य डिब्बे, पात्र जिसमें जल एकत्र हो सकता हो उसे खाली कर दें।
- कूलर में पानी न रहने दें या हर दूसरे दिन पानी बदलते रहें।
- फ्रिज के पीछे प्लेट में पानी एकत्र न होने दें।
- गमलों, नारियल के खोल, या निष्प्रयोज्य टायर, टंकी को जरूर से साफ करवाते रहें, एवं उनमें पानी एकत्र न होने दें।
- मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।
- पूरी बांह के कपड़े पहनें।
सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह ने बताया कि आयोजित कार्यक्रम में शामिल सभी लाभार्थियों को रोग के बारे जानकारी एवं कीट वितरण किया गया।
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