चकिया। एक तरफ प्रदेश सरकार के द्वारा प्रदेश में जीरो टारलेंस नीति के तहत कार्य कर रही है जिसका प्रमुख उद्देश्य था कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाया जा सके तथा भ्रष्टाचार को जड से खत्म किया जा सके।
मगर प्रदेश सरकार के आदेश पर उन्हीं के जिम्मेदार अधिकारी पलीता लगाते नजर आ रहे हैं और कोटेदारो से प्रतिमाह अवैध वसूली करवाने वाले अधिकारी बड़े बाबू पर कार्यवाही के बदले बचाते नजर आ रहे है जिसमे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते नजर रहे जिससे सरकार की छवि दागदार होती नजर आ रही है।
राजेश गुप्ता निलंबित कोटेदार लठौरा
चकिया चन्दौली आपुर्ती विभाग चकिया के बडे बाबू पर कोटेदारो से वसूली के पैसों को लेकर पुर्व निलंबित कोटेदार लठौरा राजेश गुप्ता ने लगाया है तथा गांव के कोटेदारो अवैध वसूली की लिस्ट भी वायरल हो गयी है। जिससे जनपद मे आपुर्ती विभाग की जमकर किरकिरी भी हो रही है और अवैध वसुली की लिस्ट वायरल होने के बाद भी बाद भी कोटेदारो के पैसों से हो रहे मालमाल आपुर्ती विभाग के जिम्मेदार अधिकारी बडे बाबू के उपर कार्यवाही करने के बदले अभी तक बचाने मे जुटे है और बडे बाबू अभी तक विभाग मे जमे हुए है।
वही सुत्रो के अनुसार बडे बाबू का आपुर्ती निरीक्षण चकिया समेत जिलापुर्ती कार्यालय मे अधिकारियों का बडे बाबू के उपर आशिर्वाद बना हुआ है तथा आपुर्ती विभाग चकिया के बडे बाबू का राजनीतिक पहुंच भी है जिससे बडे बाबू के उपर कोई कार्यवाही नही हो पा रही है।
बडा सवाल यह उठता है की क्या आपुर्ती विभाग के जिले के अधिकारी प्रदेश सरकार के भ्रष्टाचार पर कार्यवाही करने के आदेश को दरकिनार करते रहेंगे या आपुर्ती विभाग के बडे बाबू के उपर कोई कार्यवाही होगी।
मुद्दे की बात यह है कि जब प्राप्त जानकारी हुआ कि जिला आपूर्ति कार्यालय में तैनात बड़े बाबू का वर्तमान में ऊंची पहुंच और राजनीतिक पकड़ के कारण तथा सत्ता में बैठे नेताओं से नजदीकी संबंध होने के कारण इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रहा है बल्कि भ्रष्टाचार को और बढ़ावा मिल रहा है, जिससे खुले आम कोटेदारों से अवैध वसूली करते हैं जिसका एक लिस्ट भी बना हुआ है जो वायरल हो रहा है।
आपको बताते की चकिया ब्लाक लठौरा के निलंबित कोटेदार राजेश गुप्ता के द्वारा कोटेदारो से अवैध वसुली वाले बयान को लेकर बडे बाबू के द्वारा आरोप लगाये की सभी गांवों के कोटेदारो से 20 रुपये प्रति कुंटल की अवैध वसूली लिस्ट के हिसाब से करते रहेंगे या बडे बाबू के उपर कोई कार्यवाही करेंगे बडा सवाल है या निलंबित कोटेदार न्याय के लिए दर दर भटकता रहेगा।
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