सिचाई विभाग की बडी लापरवाही आयी सामने गरला जलकुंड का सिचांई चरनी कुलावा टूटने से गेहु के सिचाई के वास्ते पहली पानी मे हुआ धराशाई।
नहर की तटबंध सिंचाई चरनी, पुलावा, टुटने से किसानों की तैयार फसल हो रही जलमग्न, गेहूं की फसल जलमग्न होने से किसान हुए लाचार।
वहीं सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर साहब के द्वारा बताया गया की कार्य निर्माण अभी चल रहा है लेकिन किसानों का कहना है कि यहां पर कार्य बंद हुए कई दिन हो गया उसके बाद भी नहर की तटबंध सिंचाई चरनी, पुलावा,टुटने से सरकार के द्वारा खर्च किए गए करोड़ों रुपए पर पानी फिर गया।
किसानों का बडा आरोप जर्जर नहर की सफाई के नाम पर होती है कोरमपुर्ती जेई साहब करते हैं स कारनामा ।
प्रतिवर्ष नहर की सफाई के नाम पर सरकारी धन का जमकर होता है दुरुपयोग ठेकेदार और अधिकारी कर लेते है सरकारी पैसों का बंदरबांट।
किसानों ने सिचाई विभाग के जेई आलोक द्विवेदी के खिलाफ नाली मे मानक पर उठाया सवाल।
नहर की तटबंध सिंचाई चरनी, पुलावा,टुटने से व फसले खराब होने से नाराज किसानों ने खोला मोर्चा।
दर्जनों किसानों ने सिचाई विभाग के जेई के खिलाफ किया प्रदर्शन।
वही जब इस बाबत की जानकारी सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर आलोक द्विवेदी से की गई तो उनके द्वारा इस मामले में हिला हवाई बताई गई।
अब मामला यह है कि क्या इतने बड़े भ्रष्ट सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर आलोक द्विवेदी पर बुलडोजर चलेगा या इसी तरह रहेगा।
पथरहवा राइट माइनर गरला जलकुंड गरला गांव मामला।
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