चकिया (मीडिया टाइम्स)। प्रशासन भले ही अवैध खनन पर रोक लगाने का दावा करे लेकिन जमीनी स्तर पर खनन माफियाओं पर अंकुश नही लगा पा रही है। खनन रोकना प्रशासन के लिए मुश्किल काम बन गया हैं।
आपको बता दें कि चकिया क्षेत्र के केरडीह गाव के सपही जंगल के पास खेत में और क्षेत्र के अन्य कई जगहों पर अवैध मिट्टी खनन रुकने का नाम नही ले रहा है खनन माफियाओ की सहायता से तेजी से मिट्टी खनन मानक के विरुद्ध कर रहे है जोकि पर्यावरण के संतुलन को खुले आम चुनौती दे रहे हैं।
इसी तरह चकिया क्षेत्र में किसी न किसी बहाने मिट्टी का अवैध खनन होता देखा जा रहा है। क्षेत्र में मिट्टी खनन माफियाओं का जाल फैला हुआ है। जिन्हे न तो प्रशासन का डर है और न ही कानून का केराडीह गाव के पास खेत में खनन कर माफियाओं का दबंगई खुले आम देखा जा सकता है जो कि मानक के विरुद्ध जेसीबी के द्वारा खनन कर रहे हैं और आधे दर्जन के करीब बोगा ट्रैक्टर रखकर मिट्टी का खनन कर ढूलाई करके बेच रहे हैं।
जांच के नाम पर होता हैं कोरमपूर्ति।
वही दबंगों और मिट्टी खनन माफीयाओ द्वारा लगातार खुलेआम मिट्टी का खनन किया जा रहा है जिसे आप साफ-साफ वीडियो में देख सकते हैं, जो कि पर्यावरण और संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों को खुलेआम चुनौती दे रहे हैं।
मुद्दे की बात यह है कि जेसीबी के द्वारा मिट्टी का खनन करना प्रतिबंधित है लेकिन उसके बाद भी कुछ जिम्मेदार अधिकारियों के मिलीभगत से ऐसा खनन कार्य धड़ल्ले हो रहा है, वही जब इस बात की जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों को होती है तो पता नहीं कैसे मिट्टी खनन माफियाओं को इस बात की सूचना हो जाती है और वहां से मिट्टी खनन माफिया जेसीबी सहित ट्रैक्टर लेकर गायब हो जाते हैं।
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